अश्क़ और हम-ashk aur ham

अश्क़ और हम-ashk aur ham

अश्क़ और हम-ashk aur ham


 "अश्क़ " के कुछ अलग ही नाज़ है...

गम में तो आती है...

ख़ुशी में भी कहाँ बाज़ आती है!

बेवज़ह.. बिन बुलाए...

बस आंखों से रिसती रहती है।


Ise bhi dekhne:--

Ashk_अश्क़(you tube video)


अश्क़ से जैसे गहरा नाता हो हमारा,

मुस्कुराहट भले साथ छोड़ दे,

अश्क़ नही छोड़ती साथ हमारा।

आँखों से बहकर गालों पर थपकी,

दिल का कोना कोना हल्का करती हमारा।



ज़िंदगी क्यूँ इतना रुलाती है ?

अश्क़ भी मेरी अब कहती है..

बहते बहते थक गई हूँ,

कह जिंदगी को ही, कि विराम दे जरा...

कि अब बेदम हुई जाती हूँ।


#अश्क़, #अपरिचिता, #अभिव्यक्ति, #ग़ज़ल,शायरी, #abhivyakti, #Aparichita,#shayri_collection, #Hindi_poetry,


1 Comments

If you have any doubt, please let me know.

  1. ये अश्क,
    ये ही तो अपने हैं
    खुशी में गम में
    हमारे हर पल में
    साथ होते हैं..
    ये अश्क,
    ये ही तो अपने हैं

    ReplyDelete
Previous Post Next Post