My Poetry, Kavita
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My Poetry, Kavita |
2_ यादों के पिटारे से आज फिर लौट आया मेरा बचपन
3_ बाबस्ता आँखों मे ईक तस्वीर इस कदर ठहरी, आईना सामने था और अक्स उसकी उभड़ी।
4_ उम्र की ये किताब, शाम की तरह ढल गई।
5_ " गाँव " उमंगो और खुशियों का डेरा।
6_ देवों के देव, आदिदेव के सूत गजानन 🍃💐
7_ पलक के पर्दे गिरते ही वक़्त में, जिंदगी की तमाम उम्र कैद हो गई।
8_ "जिंदगी" कभी आओ न! पर आहट के बिना।
9_ वक्त से कुछ लम्हे निकालकर, आज एक मुलाकात खुद से।
10_ इश्के दौर से गुज़र रहे हो...! तुम तो आसमां के परिंदे से उड़ रहे हो।
11_ कोड़ा कागज़-कोड़ा मन_koda kagaz-koda man
12_ Vakt_वक्त
13_ परवाज, संस्कारों और संस्कृति की।
14_ ये खिड़कियां जो खुली है, खुली ही रहने दो,Ye-khidkiyaan-jo-khuli-hain-khuli-hi-rahne-do
15_ यादों के पिटारे से.... आज फिर लौट आया मेरा बचपन
16_ हवाओं संग तुम्हारी यादों की आहटें।
17_ ये विरानियाँ मुझे भाने लगी है... अब हर्फे इन वीरानियों का नुकसान हरगिज नही।
18_ ये साल कुछ अलग है, "A tribute to corona warriors"
19_ "पुनः चमकेगा दिनकर" Bharat Ratn Atal Bihari Ji ki kavita