Vakt_वक्त

Vakt_वक्त

Vakt_वक्त




Vakt_वक्त,

वक्त की सीख किताबों से बेहतर है यारों....
ये वक्त ही है,
जो हर वक्त चेहरे से नकाब उतारती है यारो।


किताबों में इतनी परते उघाड़ने की हुनर कहाँ यारो।
ये वक्त ही है, 
जो जख्म दिल पर,
और नसें दिमाग़ की खोलती है यारो।

वक़्त से वेपरवाहि, जिंदगी बेज़ार बनाती है यारों
वक़्त पर समझ लो, 
नही तो जिंदगी हर वक़्त एक नई चोट बनेगी यारों।

वक़्त से अगर दोस्ती रही तुम्हारी,
फिर हर मक़ाम तुम्हारा, 
हर सलाम तुम्हारे लिए यारों।

इस वक़्त को समझो, 
उसके ही ताल में ताल मिलाओ यारों।
इस वक्त की ही सिख बड़ी है यारो,
तू खुद में जितना काफी है,
और कोई तेरा नही यारो।

लम्हा-लम्हा चोट देकर, 
ये वक्त ही बड़ा गुरु बनेगा यारों....
हर ठोकर को अगर, नई ताकत बनाओ यारों।
कतरा-कतरा संभालना सिखाएगा यारो।

किताबों से भी बेहतर,
ये वक़्त तेरा गुरु है यारों।


वक्त, कविता, अभव्यक्ति


वक्त, कविता, अभव्यक्ति।

जीवन की अनुभवों से परिचय, कभी न भूलने वाली।


विमर्ष, लेखक की अभिव्यक्ति:-

अपरिचिता जिंदगी हमेसा जिंदगी में चुनौतियों से आपको एक नया सबक देना चाहती है, उसे सबक के रूप में ही लेकर आप निखर जाते हैं,और रियल जिंदगी से परिचय हो जाता है।लेक़िन उसी को अगर ठीक से नही समझे तो फिर टूटकर बिखड़ने में भी ज्यादा वक्त नही लगता।

मेरे सभी पाठकों का धन्यवाद, आपके उत्साह और प्यार के लिए।

✍️Shikha Bhardwaj🍃

1 Comments

If you have any doubt, please let me know.

  1. बहुत सुंदर प्रस्तुति "वक्त"

    ReplyDelete
Previous Post Next Post