हवाओं संग तुम्हारी यादों की आहटें।
परिचय:-एक अनुभूति,कोई अपना सा, जो यादों के पिटारे से निकल कर हवाओं में घुल गया है, और कानों में सरगोशी करते हुए दिल की धड़कनों को बढ़ा रहा, उम्मीद है, आप सब को #हवा पर लिखी गई, कुछ पंक्तियाँ पसंद आएंगी।
हवाओं संग तुम्हारी यादों की आहटें।
Hawaaon-sang-tumhari-yaadon-ki-aahaten.
हवाओं संग तुम्हारी यादों की आहटें।Hawaaon-sang-tumhari-yaadon-ki-aahaten.(you tube video)
परिचय:-एक अनुभूति,कोई अपना सा, जो यादों के पिटारे से निकल कर हवाओं में घुल गया है, और कानों में सरगोशी करते हुए दिल की धड़कनों को बढ़ा रहा, उम्मीद है, आप सब को #हवा पर लिखी गई, कुछ पंक्तियाँ पसंद आएंगी।
हवाओं संग तुम्हारी यादों की आहटें।
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हवाओं संग तुम्हारी यादों की आहटें।Hawaaon-sang-tumhari-yaadon-ki-aahaten.(you tube video)
हवाओं संग तुम्हारी यादों की आहटें। |
क्या नाम दूँ इसे, कैसी ये गुस्ताखियाँ है।
संग अपने ये तुम्हारी खुशबू से
मेरा मन आनंद- शिखा कर गया है
छुई - मुई के पौधों सी, सिकुड़ती मैं......
और मन फतिंगा उड़ा जा रहा है।
ये तुम्हारी ही यादो की आहटे हैं !
या अपरस सा कोई स्वप्न सुधा है?
जो हवा में खुशबू सा घुला है।
हवाओं संग तुम्हारी यादों की आहटें।
जैसे बादलों का जहाँ है....
जो छूकर मुझे गया है !
या तुम्हारा साया था....
जो आँचल मेरा उड़ा गया है?
साथ मेरे.......
रह गया है कुछ....
वो तुम्हारी ही खुशबू की,
सदा दिए जा रहा है।
हवाओं संग तुम्हारी यादों की आहटें।
या मेरा ही उर मृग मरीचिका हुआ है ?
अगर ये हुआ है तो होने दो ,
स्वप्न अंबर में खोने दो।
विचरने दो गहन आनन्द की उपवन में
चुन लेने दो कुछ कुसुम , सुमन से ।
महक लूँ मैं भी इसकी सुगंध से।
हवाओं संग तुम्हारी यादों की आहटें।
तुम नही न सही..... तुम्हारी यादें सही।
पर, यूं ही आ जाया करो,
मेरी यादो के अंजुमन में भी कभी,
बैठो, बाते करो......
कि बहुत कुछ कहना बाकी रह गया है अभी।
हवाओं संग तुम्हारी यादों की आहटें।
छद्म आहटें हैं....... तुम स्पष्ट हो।
अब बस पकड़ो मेरा हाथ
और सुर छेड़ जाओ कोई , कि मैं बाकी हूँ अभी।
तुम्हारी यादो का गुलदस्ता लिए,
हां , उसी मोड़ पर....... अब भी खड़ी हूँ वहीं
हवाओं संग तुम्हारी यादों की आहटें।
हवाओं संग तुम्हारी यादों की आहटें।Hawaaon-sang-tumhari-yaadon-ki-aahaten.
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अनुग्रह:-
हवाओं संग तुम्हारी यादों की आहटें।Hawaaon-sang-tumhari-yaadon-ki-aahaten. एक अनुभूति,कोई अपना एकदम ख़ास, जो है तो बहुत दूर,पर उतनी ही करीब होने की अनुभूति।एक।परीचित की अनुभति, वो क्षण,जब आप सिर्फ अपने आप से मिल रहें हो।
उम्मीद है मेरे पाठकों को ये अभिव्यक्ति पसंद आएगी, आपके विचार और सुझाव की इक्षुक़।
✍️ Shikha Bhardwaj❣️
बहुत खूब👌👌
ReplyDeleteएक अपरिचिता से अपना अपना सा एहसास🌷🌷