पलकों पर जो तुने ये नशे का चिलमन ओढ़ा है , क्या कहूँ के तुने कितने पैमाने का हिसाब जोड़ा है। Plkon-par-jo-tune-ye-nashe-ka-chilman-odha-hai-kya-kahun-ke-tune-kitne-paimaane-ka-hisab-joda-hai

पलकों पर जो तुने ये नशे का चिलमन ओढ़ा है ,
क्या कहूँ के तुने कितने पैमाने का हिसाब जोड़ा है।

पलकों पर जो तुने ये नशे का चिलमन ओढ़ा है ,
क्या कहूँ के तुने कितने पैमाने का हिसाब जोड़ा है।



पलकों पर जो तुने ये नशे का चिलमन ओढ़ा है ,
क्या कहूँ के तुने कितने पैमाने का हिसाब जोड़ा है।
माना कि दीवाना हूँ तेरा ,
मगर ये तो सितम की इन्तेहाँ है न!
कि तूने बस कंगाल कर  छोड़ा है। 
पलकों पर जो तुने ये नशे का चिलमन ओढ़ा है।
कुछ धड़कता तो है, मेरे अंदर भी,
पर दिल तेरे पास रख छोड़ा है।


कभी तो नज़रे करम हो इधर भी कि 
दिवाना तेरा, तेरी इक नज़र को ही 
 जिंदगी का मुकम्मल जहाँ मान बैठा है।
पलकों पर जो तुने ये नशे का चिलमन ओढ़ा है।
होठो पर मीठी मुस्कान की झड़ी,
तेरी गालो पर जो शोख रंग जोड़ा है,
हमे तो बस तेरा दिवाना कर छोड़ा है।
माना कि इस जमीं पर नहीं तेरे जैसा कोई,
दिवाना भी तो कोई मुझ सा नही।
पलकों पर जो तुने ये नशे का चिलमन ओढ़ा है।
बस तेरे दिदार को ही आख़िरी फ़साना,
बुनने का सामान लिए बैठा है।

कुछ तो करम कर इस गरीब पर,
कि आख़िरी हुक सीने में दबाए बैठा हूँ।
तेरा ही मुरीद हूँ ,
जमाने को भी बताए बैठा हूँ।
अब तेरी ही मेहरबानी हो,
कि बस साँसों को भी तेरी एक
झलक की मोहताज़ किए बैठा हूँ।
पलकों पर जो तुने ये नशे का चिलमन ओढ़ा है ,
क्या कहूँ के तुने कितने पैमाने का हिसाब जोड़ा है।


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क्या कहूँ के तुने कितने #पैमाने का #हिसाब जोड़ा है।
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#Aparichita हरदम हरवक्त आपके साथ है। #Aparichita कुछ अपने, कुछ पराए, कुछ अंजाने अज़नबी के दिल तक पहुँचने का सफर। #aparichita इसमें लिखे अल्फ़ाज़ अमर रहेंगे, मैं रहूं न रहूं, उम्मीद है, दिल के बिखड़े टुकड़ो को संभालने का सफर जरूर आसान करेगी। #aparichita, इसमें कुछ अपने, कुछ अपनो के जज़बात की कहानी, उम्मीद है आपके भी दिल तक जाएगा।

✍️Shikha Bhardwaj ❣️


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