Huge Collection of sad quotes, shayri.कोट्स, शायरी
* प्रेम_Prem
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प्रेम_Prem |
मुझे पढ़ने की कोशिश में हो,
जरा संभल कर, प्रेम का सागर हूँ मैं।
या तो डूब जाओगे या, डूब ही जाओगे।
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प्रेम-prem(you tube video)
* प्रेम_Prem
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मैं प्रेम हूँ,
वो खूबसूरत बला,
लोग लगाते तो
ख़ुशी से हैं,
पर रहते
वेचैनी में हैं।
* #ज़िन्दगी_zindagi
रगों में जो दौड़ता है...
तू बस वही है...
गर तू नही, सोच.....
जिंदगी क्या बसर हो रही है?
इंतज़ार तुम्हारा ही होता है।
#Intzar_tumhara_hi_hota_hai
राग कोई भी छेरूँ,
शुर तुम्हारा ही होता है।
बात किसी की भी करूँ,
एहसास तुम्हारा ही होता है।
लव पे चाहे हज़ार शिक़वे हो,
पर ख्याल, तुम्हारा ही होता है।
लाख लड़ाइयाँ लड़ूं तुमसे,
इंतज़ार तुम्हारा ही होता है।
इंतज़ार तुम्हारा ही होता है।
#Intzar_tumhara_hi_hota_hai
#ishk_mufassil
इश्क़ मुफ़स्सिल
ईश्क मुफ़स्सिल बेचारा,
खो गया जो पता ढूंढता है,
इस गली न सही उस गली ढूंढता है।
#ishk_mufassil
इश्क़ मुफ़स्सिल
*तमाशा_Tamasha
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*तमाशा_Tamashaरोज़ नए तमाशों के बाजार से गुजरती है जिंदगी, अब तो मुश्किल भी ज़द में है, कि , क्यों नहीं साँसों से रिश्ता तोड़ती है जिंदगी ! *तमाशा_Tamasha |
*बूँद-बूँद ओष
यूँ क्यूँ तुम ओष की तरह पड़े हुए हो,
हर पत्ते, हर पंखुड़ी पर बिखरे हुए हो,
क्यूँ नही सिमट एक हो जाते हो,
क्यूँ नही, बून्द-बून्द मिल दरिया बन जाते हो?
कुछ तुझमे कुछ तेरी बातों में भी गहराई हो,
मिलूँ मैं तुझमे ही कहीं, कुछ जगह मेरी भी हो।
बूँद-बूँद ओष
* ज़िन्दगी_Jindgi
देखो न!
तुम्हे पता तो था न,
मुझे चाय की प्याली भी,
सुर्ख लाल चाहिए थी,
तुम तो ज़िन्दगी ही बेरंग
कर गए।
कोई तो पता देते, प्यार नही,
तुम्हारी शिकायतें
ही सुन लेती।
इतनी भी क्या नाराज़गी,
जो जिंदा तो छोड़ गए,
पर ज़िन्दगी ले गए।
#ज़िन्दगी_Jindgi
*नाकाम इश्क़_nakam ishk
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नाकाम इश्क़_nakam ishk |
ईश्क नाक़ाम हुआ, तभी तो तुझे कोई पढ़ता है,
तू शब्दों में रोता है, जमाना वाह वाह कहता है।
#नाकाम_इश्क़_nakam_ishk
* मुहब्बत_muhabbat
अगर सच्चा है इश्क़ तेरा, तो पत्थर भी पानी पर तैर,
दिल का पूल बना लेगा,
तू ताज को यूँ क्यूँ खड़ा देख रहा!
ये तो नाक़ाम मुबब्बत का मकबड़ा है बस,
तेरी मुहब्बत की भी समाधि बना देगा।
#मुहब्बत_muhabbat
* ख़ाक_khak
ख़ाक से मिलने के सफ़र में थी,
आपने रोशनदान से क्या झाँका,
हमनें ख़ाक में ही बागवान लगा डाला।
#ख़ाक_khak
* सुकूँ_sukun
*इस दर्द से जो आती है सुकूँ उनके चेहरे पे
ये क्या कम है कि हम अपनी मुहब्बत में कामयाब हैं।
सुकूँ_sukun
* ये रातें_ye raten
ये रातें भी न!
पलकों के चिलमन को उठा,
आँखों के बरामदे बैठ गई है।
कहती है, नींदों की पहरेदारी करेगी।
शांत सन्नाटे में खोया ये जहाँ, और खोई मैं।
पर ये रातें आँखों के बरामदे बैठ गई है।
कहती है, मुझसे बातें करेंगी।
#ये रातें_ye raten
#Aparichita_अपरिचिता#sad_shayri