लाल बहादुर शास्त्री जी का जीवन परिचय (जीवनी) Lal Bahadur Shastri biography in hindi.
जय जवान जय किसान का नारा देकर,
भारत के लाल ने वीरो को जगाया था।
नई ओज और नई जोष संग,
इस मिट्टी का कर्ज उतारा था।
जब तक रही जान में जान वो,
कभी भारत को स्वतंत्र, तो कभी
देश की सेवा ही सर्वस्व स्वीकारा था।
नही रहे वो लाल अब लेकिन,
उस लाल का कर्ज़ सदा यह देश स्वीकारेगा।
लाल बहादुर शास्त्री जी का जीवन परिचय, लेख, उनका इतिहास, उनका जन्म, मृत्यु, जाति, विचार, पुण्य तिथि (Lal Bahadur Shastri biography and death history in hindi)
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लाल बहादुर शास्त्री जी का जीवन परिचय (जीवनी) Lal Bahadur Shastri biography in hindi. |
"लाल बहादुर शास्त्री" नाम के तरह ही अपनी मिट्टी के, अपने गाँव के और देश के लाल थे। उनका शरीर तो नही है, लेक़िन इस देश की मिट्टी की ख़ुशबू के साथ, वो हमेसा रहेंगे।
भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री के तौर पर "लाल बहादुर शास्त्री जी" 9 जून 1964 में आसीन हुए।
ऐसे तो शास्त्री जी द्वितीय प्रधानमंत्री थे, परन्तु इनके शासन का स्वरूप ‘अद्वितीय’ रहा था। उनका व्यक्तित्व सादगीपूर्ण एवम शान्त था।
शास्त्री जी की कार्यशैली, उनका व्यक्तित्व, व्यवहार और निर्णय क्षमता के कारण उन्हें 1966 में देश के सबसे बड़े सम्मान ‘भारत-रत्न’ से पुरस्कृत किया गया।
शास्त्री जी एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, इन्होने 1965 की भारत-पाकिस्तान की लड़ाई के समय देश को बड़ी मजबूती से संभाले रखा, और सेना का सही निर्देशन किया।
लाल बहादुर शास्त्री जी का जीवन परिचय (Lal Bahadur Shastri Biography in Hindi)
सत्य ही सनातन, सत्य ही अडिग,
सत्य की प्रकृति सूर्य की रोशनी जैसी,
पड़ नही सकती इसपर, झूठ की सीत।
माना झूठ बड़बोला है,
सत्य शीतल, सागर सी स्थिर,
नही झूठ के आगे डोला है।
नही इसपर कपट का धूप।
शिखा सा शिखर पर बैठे,
नही झुकना इसका रीत।
उनका बचपन का नाम था, बिंदुशास्त्री, और पूरा नाम: लाल बहादुर शास्त्री
जन्म तारीख़ और स्थान: 2 अक्टूबर 1904, मुगलसराय, वाराणसी, उत्तरप्रदेश
माता का नाम:– राम दुलारी,
पिता का नाम: मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव
पत्नी का नाम: ललिता देवी
बच्चे: 4 लड़के, 2 लड़कियां
राजनैतिक पार्टी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
धर्म: हिन्दू
जाति: कायस्थ
मृत्यु: 11 जनवरी 1966.
लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म, जाति, परिवार (Lal Bahadur Shastri Birth, Caste, Family):
शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 में उत्तरप्रदेश के मुगलसराय में, एक कायस्थ परिवार में हुआ था.
उस समय भारत पर ब्रिटिश का शासन था। शास्त्री जी के पिता का नाम मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव था, जो प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक थे और उन्हें सभी ‘मुंशी जी’ कहकर संबोधित किया करते थे. शास्त्री जी की माता का नाम राम दुलारी था।
लाल बहादुर शास्त्री जी का आरंभिक जीवन (Lal Bahadur Shastri Early Life)
शास्त्री जी का बचपन का नाम ‘नन्हे’ था, घर के सभी सदस्य उन्हें इसी नाम से बुलाया करते थे। शास्त्री जी के पिता का स्वर्गवास बचपन में ही हो जाने के कारण, उनकी माँ उन्हें लेकर अपने पिता हजारी लाल के घर मिर्जापुर आ गई। लेकिन कुछ समय बाद शास्त्री जी के नाना का भी देहांत हो गया। उनका बचपन बहुत ही ग़रीबी में गुजरा था।
शास्त्री जी की प्राथमिक शिक्षा मिर्ज़ापुर में ही हुई थी और उच्च माध्यमिक शिक्षा हरिश्चन्द्र हाई स्कूल और काशी-विद्यापीठ में हुई थी। लाल बहादुर शास्त्री जी, संस्कृत भाषा से स्नातक किया था। वे बहुत ही मेधावी छात्र थे, काशी-विद्यापीठ ने उन्हें ‘शास्त्री’ की उपाधि दी थी। इसके बाद से ही उन्होने ‘शास्त्री’ को अपने नाम के साथ जोड़ लिया था, और फिर वो शास्त्री के नाम से जाने, जाने लगे।
1928 में शास्त्री जी का विवाह, ललिता देवी के साथ हुआ। इनके छह संताने हुई जिनमे एक पुत्र अनिल शास्त्री काँग्रेस पार्टी के सदस्य रहे।
लाल बहादुर शास्त्री एक जवान सत्याग्रही थे(Lal Bahadur Shastri was Freedom Struggle)
स्वतन्त्रता संग्राम में, शास्त्री जी का नारा था ‘मरो नहीं मारो’ । जिसने पुरे देश में स्वतन्त्रता की अलख जगा दी थी, हर दिल मे स्वतंत्रता की ज्वाला को तीव्र कर दिया था।
1920 में शास्त्रीजी आजादी की लड़ाई में पूरी तरह संलग्न हो, ‘भारत सेवक संघ’ की सेवा से जुड़ गये।
शास्त्री जी का पूरा जीवन देश और गरीबो की सेवा में समर्पित था। शास्त्री जी, स्वतंत्रता से जुड़े सभी आंदोलनों एवम कार्यक्रमो में हिस्सा लिया करते थे, जिसके फलस्वरूप कई बार उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।
शास्त्री जी सक्रिय रूप से 1921 में ‘अहसयोग-आन्दोलन’, 1930 में ‘दांडी-यात्रा’, एवम 1942 में भारत छोडो आन्दोलन में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई थी।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत में भी नेता सुभाष चंद्र बोस जी द्वारा ‘आजाद हिन्द फ़ौज’ का गठन कर, “दिल्ली-चलो” का नारा दिया था। इसी दौरान शास्त्री जी ने भी भारतीयो को जगाने के लिए “करो या मरो” का नारा दिया था, परन्तु 9 अगस्त 1942 को शास्त्री जी को अपने देशवासियों के जाते हुए जान से आहत होने लगी थी, फिर उन्होंने सभी मे वीरता की अलख जगाने के लिए, इलाहबाद में, "करो या मरो" के नारे में परिवर्तन कर इसे “मरो नहीं मारो” कर दिया था। "मारो नही मारो" के नारे से देश वासियों का आव्हान किया। इस आन्दोलन के समय शास्त्री जी को ग्यारह दिन तक भूमिगत भी रहना पड़ा था, फिर 19 अगस्त 1942 को गिरफ्तार कर लिए गये। कहना पड़ेगा कि उनकी बहादुरी और सूझ - बूझ का, देश को आज़ाद करने में बड़ा योगदान था।
लाल बहादुर शास्त्री स्वतंत्र भारत के नेता (Lal Bahadur Shastri Political Career)
शास्त्री जी की महान कार्यक्षमता के कारण उन्हें स्वतंत्र भारत में उत्तर प्रदेश की संसद के सचिव नियुक्त किये गये . गोविन्द वल्लभ पन्त के मंत्रीमंडल की छाया में इन्हें पुलिस एवम परिवहन का कार्यभार दिया गया। शास्त्री जी के मंत्रिमंडल के दौरान ही पहली महिला को कंडक्टर नियुक्त किया था एवम पुलिस विभाग में उन्होंने लाठी के बजाय पानी की बौछार से भीड़ को नियंत्रित करने का नियम बनाया था।
1951 में शास्त्री जी को ‘अखिल-भारतीय-राष्ट्रिय-काँग्रेस’ का महा-सचिव बनाया गया। लाल बहादुर शास्त्री हमेशा अपने काम और जिम्मेदारी के प्रति समर्पित रहा करते थे।
शास्त्री जी 1952, 1957, 1962 के चुनाव में पार्टी के लिए बहुत प्रचार-प्रसार किया, एवम काँग्रेस को भारी बहुमत से विजयी बनाया।
शास्त्री जी की काबिलियत को देखते हुए, इन्हें जवाहरलाल नेहरु की आकस्मिक मौत के बाद प्रधानमन्त्री नियुक्त किया गया।
शास्त्री जी आज़ाद भारत के ईमानदार, कर्मठ और गरीबों के नेता थे, शायद उनकी ईमानदारी के कारण ही उनका कार्यकाल बहुत कठिन था। देशद्रोहियों की भी कमी नही थी, पूंजीपति देश एवम शत्रु-देश ने इनका शासन बहुत ही चुनोतिपूर्ण बना दिया था। अचानक ही 1965 में सांय 7.30 बजे पकिस्तान ने भारत पर हवाई हमला कर दिया। इस परिस्थिती में राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधा कृष्णन ने एक बैठक बुलवाई थी। इस बैठक में तीनो रक्षा विभाग के प्रमुख एवम शास्त्री जी सम्मिलित हुए। विचार-विमर्श के दौरान प्रमुखों ने लाल बहादुर शास्त्री को सारी स्थिती से अवगत कराया और आदेश की प्रतीक्षा की, तब ही शास्त्री जी ने जवाब में खुली छूट देते हुए कहा कि “आप देश की रक्षा कीजिये और मुझे बताइए कि हमें क्या करना है?” इस तरह भारत-पाक युद्ध के दौरान विकट परिस्थितियों में भी शास्त्री जी ने सराहनीय नेतृत्व किया था।
शास्त्री जी का “जय-जवान जय-किसान” का नारा , देश में एकता को बढ़ावा दिया और भारत ने पाक को हरा दिया। जिसकी कल्पना पकिस्तान ने नहीं की थी, क्योंकि तीन वर्ष पहले चीन ने भारत को युद्ध में हराया था, जब नेहरू जी के नेतृत्व में भारत की सरकार चल रही थी।
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लाल बहादुर शास्त्री जी का जीवन परिचय (जीवनी) Lal Bahadur Shastri biography in hindi. |
लाल बहादुर शास्त्री की मौत का राज (Death mystery of Lal Bahadur Shastri):
रूस एवम अमेरिका के दबाव पर शास्त्री जी शान्ति-समझौते पर हस्ताक्षर करने हेतु पकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान से रूस की राजधानी ताशकंद में मिलने गए थे, कहा जाता है, उन पर दबाव बनाकर हस्ताक्षर करवाए गए. समझोते की रात को ही 11 जनवरी 1966 को उनकी रहस्यपूर्ण तरीके से मृत्यु हो गई। उस वक्त के अनुसार, शास्त्री जी को दिल का दौरा पड़ा था, पर दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि उस समय भारत मे भी बस गद्दी पर आसीन होने की पड़ी थी, सडयंत्र के तहत कुर्शी मिल ही गई थी, तो पोस्टमार्टम की क्या जरूरत थी। उन्हें पाकिस्तान में जहर देकर मार दिया गया लेक़िन उस समय की कॉंग्रेस सरकार ने जाँच तक नही करबाई।
आज भी ताशकंद की आबो-हवा में शास्त्री जी के मर्डर का दबा राज़ है।
इस तरह 18 महीने का ही लाल बहादुर शास्त्री जी का कार्यकाल रहा, 18 महीने ही उन्होंने भारत की कमान सम्भाली।
शास्त्री जी के मृत्यु के बाद पुनः गुलजारी लाल नन्दा को कार्यकालीन प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। इनकी अन्त्येष्टी यमुना नदी के किनारे की गई एवम उस स्थान को ‘विजय-घाट’ का नाम दिया गया .
लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु कैसे हुई (Lal Bahadur Shastri Death Reason)
"हार्ट अटैक" किताबों में तो यही पढ़ाया गया।
लेक़िन 1978 में "ललिता के आंसू" नामक पुस्तक में स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री जी की पत्नी ने शास्त्री जी की मृत्यु की कथा कही:
कुलदीप नैयर जो की शास्त्री जी के साथ ताशकंद गए थे, उन्होंने भी कई तथ्य उजागर किये परन्तु उचित जाँच और उस समय की सरकार की साजिश या लचरपन कहिए, कोई परिणाम नहीं निकला। 2012 में भी शास्त्री जी के पुत्र सुनील शास्त्री ने भी न्याय की मांग की पर कुछ हो न सका।
लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्य तिथि:
शास्त्री जी की पुण्य तिथि प्रति वर्ष 11 जनवरी को मनाई जाती हैं ।
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लाल बहादुर शास्त्री जी का जीवन परिचय (जीवनी) Lal Bahadur Shastri biography in hindi. |
पोस्ट से संबंधित कुछ सवालों पर प्रकाश डालेंगे।
Q : लाल बहादुर शास्त्री जी के बचपन का नाम क्या था ?
Ans : लाल बहादुर वर्मा उर्फ़ नन्हे।
Q : लाल बहादुर शास्त्री जी का देश के लिए योगदान क्या था ?
Ans : आजादी के लड़ाई में अपना सर्वश्रेष्ठ और सर्वश्व योगदान दिया और किसानों के हित के लिए कार्य किये।
Q : जब लाल बहादुर शास्त्री देश के प्रधानमंत्री थे तब उनके मंत्रीमंडल में इंदिरा गांधी किस पद पर आसीन थी ?
Ans : सूचना एवं प्रसारण मंत्री
Q : लाल बहादुर शास्त्री का जन्म कब और कहां हुआ ?
Ans : 2 अक्टूबर 1909 में उत्तरप्रदेश के वाराणसी के मुगलसराय क्षेत्र में ।
Q : लाल बहादुर शास्त्री किस जाति के थे ?
Ans : कायस्थ
Q : लाल बहादुर शास्त्री किस राजनैतिक पार्टी से संबंध रखते थे ?
Ans : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी
Q : लाल बहादुर शास्त्री जी का उपनाम क्या था ?
Ans : वर्मा बाद में उन्हें शास्त्री नाम मिला।
Q : लाल बहादुर शास्त्री की हत्या कैसे हुई ?
Ans : कागज़ी हिसाब से ताशकंद में पाकिस्तान के साथ शांति समझौता साइन करने के बाद अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई, लेकिन तथ्य ये था कि उन्हें जहर दी गई थी।
Q : लाल बहादुर शास्त्री जी की क्या हत्या हुई थी ?
Ans : लाल बहादुर शास्त्री जी की मृत्यु हत्या ही थी, लेकिन मजबूत तथ्य न होने के कारण, अभी भी राज ही है।
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बहुत बढ़िया जानकारी!!
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