शारदीय नवरात्री के आठवे दिन महागौरी पूजा, कथा, महगौरी मंत्र , बीज मंत्र , महागौरी की आरती।
प्राची से प्रभा आई,
लाई उन्मुक्त सन्देश बहार का
चारों तरफ़ नवरात्रि की धूम है छाई,
लाई मास त्योहार का।
जय माता दी🌺
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शारदीय नवरात्री के आठवे दिन महागौरी पूजा, कथा, महगौरी मंत्र , बीज मंत्र , महागौरी की आरती। |
नवरात्री के आठवें दिन सर्वफलदाई महागौरी की पूजा होती है। इस दिन कन्या पूजन का भी विधान है। महागौरी के दूसरे नाम स्वेताम्बर धरा से भी जाना जाता है, क्योंकि इनके वस्त्र और आभूषण सारे स्वेत रंग के है। "महागौरी " नाम से ही प्रतीत हो रहा है की ये गौर वर्ण यानि की पूरी सफ़ेद या गोरी हैं. इनका वर्ण इतना गोरा है, कि इनकी उपमा शंख, चंद्र, और कुंड के फूल से दी गई है। "अष्टवर्षा भवेद गौरी " यानि की महागौरी की उम्र शास्त्रों में केवल आठ वर्ष की बताई गई है।
Maa mahagauri ki katha(माँ महागौरी की कथा ):
पौराणिक कथाओं और शास्त्रों के अनुसार, माता पार्वती ने शिव को पाने के लिए कठोर तप किया था, जिस कारण उनका शरीर काला पर गया था। लेकिन शिव ने महागौरी से प्रसन्न होकर उन्हें गंगाजल साफ कर और वरदान देकर फिर से गौर वर्ण का कर दिया। गंगाजल से साफ़ होने के बाद, उनका शरीर कांतिमय हो गया था, इसलिए वो महागौरी कहलाई। नवरात्रि के आठवे दिन महागौरी की पूजा होती है , माँ महागौरी बहुत ही दयालु और भक्तों का भला करने वाली हैं. महागौरी को नारियल का प्रशाद चढ़ाना चाहिए। अष्टमी के दिन कन्या पूजन का भी विधान है. कन्या की उम्र २ साल से ऊपर और ९ साल से कम ही होनी चाहिए।
दो वर्ष की कन्या कुमारी , तीन वर्ष की कन्या त्रिमूर्ति, चार वर्ष की कन्या क्लायणि, पांच वर्ष की कन्या रोहिणी, छह वर्ष की कन्या कलिका , सात वर्ष की कन्या चंडिका , आठ वर्ष की कन्या साम्भवी , नौ वर्ष की कन्या दुर्गा और दस वर्ष की कन्या सुभद्रा मानी जाती है।
Maa mahagauri mantra(माँ महागौरी मंत्र ):
माँ महागौरी के मंत्र की जाप 108 बार करके उनकी आराधना करनी चाहिए।
मंत्र इस प्रकार है :--
ॐ देवी महागौर्ये नमः
महागौरी प्रार्थना मंत्र :
श्वेते विशेषमारुढा श्वेताम्बर धरा शुचि।
महागौरी शुभम दद्यान्महादेव प्रमोददा।।
महागौरी स्तुति मंत्र :
या देवी सर्वभूतेषु महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
Maa mahagauri bij mantra(माँ महागौरी बीज मंत्र ):
वैसे तो कोई भी देवी-देवता, भाव के ही भूखे हैं, बस। सच्ची दिल से आप जो भी प्रार्थना करे, उन तक जरूर पहुंचती है। लेकिन आज में अपरिचिता के ईस पोस्ट में एक ऐसा मन्त्र बताने जा रही हूं, जिसके द्वारा आप माँ महागौरी के और निकट पहुंचेंगे और देवी आप पर जरूर प्रसन्न होंगी।
तो आइए, जानते हैं बीज मंत्र के बारे में।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै।।
जैसे ॐ शब्द में ब्रह्मा, विष्णु और महेष तीनो देव का विधमान है, उसी प्रकार इस बीज मंत्र में तीनों देवी, लक्ष्मी, सरस्वती और शक्ति की आराधना हो जाती है।
इस मंत्र को बीज मंत्र या नर्वाण मंत्र भी कहते हैं।
Maa mahagauri ki aarti(माँ महागौरी की आरती ):
जय महागौरी जगत की माया
जय उमाभवानी जय महामाया
हरिद्वार में कनखल के पास
महागौरी तेरा वहां निवासा।
चंद्रकली और ममता अम्बे
जय शक्ति जय जय माँ जगदम्बे
भीमादेवी अम्बा माता
कौशिक देवी जग विख्याता
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा
सती "सत" हवन कुंड में था जलाया।
उसी धुँए ने काली रूप बनाया।
बना धर्म, सिंह जो सवारी में आया।
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया।
तभी माँ ने महागौरी नाम पाया।
शरण आने वाले का संकट मिटाया।
शनिवार को तेरी पूजा जो करता,
माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता
भक्त बोलो तो तुम सोच क्या रहे हो
महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो।।
जय माता दी।
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जय मां महागौरी 🙏🙏
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