हम अपने ही घर मे, अपनी पहचान ढूंढ़ते हैं।

हम अपने ही घर मे, 
अपनी पहचान ढूंढ़ते हैं।

हम अपने ही घर मे, 
अपनी पहचान ढूंढ़ते हैं।

इसे भी देखें:--

हम अपने ही घर में..अपनी पहचान ढूंढते हैं.(you tube video)


 अपनी पहचान ढूंढ़ते हैं।

इस जमी पर जो परे थे, 
अपने ही पैरों के...... 
निशा ढूंढ़ते हैं।

हम अपने ही घर मे, 
अपनी पहचान ढूंढ़ते हैं।

मिलेंगे मुक़म्मल.... 
जहाँ ढूंढते हैं,
छोड़ ख़ुशी को....
गमों के राज ढूंढते हैं।

जान तो नही गई.... 
पर जान चली गई,
उन हादसों की वजह ढूंढते हैं।

हम अपने ही घर मे, 
अपनी पहचान ढूंढ़ते हैं।

बेचैनियों के जहाँ में हम,
शुकुन भरी शाम ढूंढते हैं।
वो एक शख्श जो मेरा नही,
हम उसमे खुशियाँ अपार ढूंढते हैं।

हम अपने ही घर मे, 
अपनी पहचान ढूंढ़ते हैं।


#pahchan_पहचान, #अपरिचिता, #अभिव्यक्ति, #ग़ज़ल, #शायरी, #quotes, #Aparichita, #Hindi_poetry, #abhivyakti, #video.


Post a Comment

If you have any doubt, please let me know.

Previous Post Next Post