हे कृष्ण, हे वनवारी-he Krishn he vanavari.
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हे कृष्ण, हे वनवारी-he Krishn he vanavari. |
हे कृष्ण, हे वनवारी....
सुन लिज्यो प्रभु, अरज हमारी।
हे कृष्ण, हे वनवारी....
सुन लिज्यो प्रभु, अरज हमारी।
एक बार तो बुलाओ वृंदावन
हे कृष्ण हे मुरारी।
जग में भीड़ बड़ी है,
उस भीड़ में हम खरे अकेले,
तके बस राह तिहारी।
हे कृष्ण, हे वनवारी....
सुन लिज्यो प्रभु, अरज हमारी।
मिले तेरे चरणों की धूल,
बसे मन, बरसाने वाली।
इतनी सी सुनो विनती हमारी,
वृंदावन की उन गलियों की,
ख़ाक बनू....
जहाँ थे रचे रास, हे वंशिधारी।
हे कृष्ण, हे वनवारी....
सुन लिज्यो प्रभु, अरज हमारी।
जब अंत समय हो....
जीवन गीत बने,
राधे-कृष्ण की धुन वाली।
हे कृष्ण, हे वनवारी....
सुन लिज्यो प्रभु, अरज हमारी।
हे कृष्ण, हे वनवारी....
सुन लिज्यो प्रभु, अरज हमारी।
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