सोसल साइट

"social site" एक रोचक तथ्य जिसे देखो वो इनके पीछे अपने आप को खोये जा रहां  है।हर व्यक्ति की अपनी - अपनी कहानी है ,लेकिन है सबकी सोशल साइट से ही जुड़ी हुई। 

वो दिन तो जैसे खो ही गया है, जब सबकी चौकड़ी जमती थी, बहसबाजी होती थी। शाम को सब अपने -अपने घरो से निकलते थे औरतो की अलग चौकड़ी और मर्दो की अलग चौकड़ी होती थी और पास ही में बच्चे खेल रहे होते थे। फिर सभी अपने घरो में लौट जाते थे। काम भी ज्यादा हुआ करता था जैसे कि home appliances और kitchen appliances का आभाव होने के कारन सभी काम हाथ से ही करना होता होता था ,तो स्वाभविक है कि  time की कमी होगी ,लेकिन फिर भी अगर पड़ोस  में किसी को जरूरत परती  तो हाथ बटाने जरूर जाते थे।अब सुविधाएँ भी बढ़ गई है और समय की भी कमी हो गई है। कहीं इसका कारण  social site तो नहीं? 

कल अचानक ही हमारी एक दोस्त का फोन आ गया ,उनका पहला  प्रश्न होता है कहीं आप busy तो नहीं ,कहने का मतलब दोस्तों के बिच भी औपचारिकता की जगह बन गई है। फिर वो परेशान थी कि उनको अपने ही घर में खुद के लिए किसी के पास समय नहीं है, सब अपने -अपने काम में बिजी है किसी की पढ़ाई है तो कोई मोबाइल में व्यस्त है। हमलोग जी भर इधर -उधर की बात किये, फिर फ़ोन रखने बाद ऐसा लगा की ये तो हर घर की कहानी है। या तो पति-पत्नी दोनों को इसकी लत है,तो उस घर में शांति है ,या फिर अगर सिर्फ वाइफ को या सिर्फ हस्बैंड को है तो दोनों में कोई एक परेशान। एक ही घर में एक दूसरे से बात के लिए टाइम नहीं है ,दुनिया के किसी कोने में बैठे लोगो से ऐसे बाते होती है,जैसे उनको न जाने कब से जानते हो। क्या सच में  ऐसी ख़ुशी मिलती है ,या इंसान अपने आप को सिर्फ ठगता है ?एक हमारे करीबी हैं जिनका किस्सा तो कुछ ज्यादा ही दिलचस्प है, उनकी वाइफ उनको फेस बुक छोड़ने के 2 लाख रुपये तक देने को तैयार है, महाशय तो छोर भी दे लेकिन मझधार में हैं कि अगर फेस बुक छोर दिया तो क्या पता पैसे मीले न मिले, फिर माया मिली न राम वाली हालत हो जाएगी।।और औरते तो पैसा लेने में माहीर होती है देने में नही। इसलिए अच्छा है कि जैसे चल रहा है चलने दे। लेकिन मुझे अगर कोई दे तो मैं तो छोर सकती हूँ । आपलोगो का क्या विचार है सोचे जरूर। तातपर्य ये है कि इतना तय हैं कि ये फेस बुक फसाद की जड़ तो है।कहीं दूसरे को खुश करने में हम अपने कीमती पल खो तो नही रहे,मेरे हिसाब से ये कुछ दिन का भूत ही है जो समय के अनुसार उतर जाता है।ये भी नही है कि पूरी तरह फेल है,कुछ हैं जो अपने दायरे के हिसाब से आपको गाइड कर सकते है एक -दूसरे को  impress करने के लिए। पहले दिन की दोस्ती में आपकी पूरी लाइफ हिस्ट्री जान लेते है। social platform खराब नही है, पर कभी उसको अपने आप पर हावी नही होने देना चाहिये।दूर बैठे दोस्तों से भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है, वजाय उनके पर्सनल लाइफ में इनटरफेयर किये उनसे नइ बातो को सीखिए, एक टाइम लिमिट के साथ पर अपनी  फैमिली के बाद।


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