कोरोना वॉरियर।
निःशब्द और स्तब्ध हूँ ,
तुम्हारे कर्तव्यनिष्ठ भाव से ,
आस्चर्यचकित हूँ।
कहाँ से आया इतना साहस ,
तुम तो बस एक इंसान भावपरस्त हो।
इस प्रकृति प्रलय नृत्य की घरी में तुम ,
चट्टान की तरह बस तटस्थ हो।
तुम डॉक्टर हो ,आर्मी हो,नर्स हो, पैथोलोजिस्ट ,
या हो पुलिस और सफाई कर्मचारी।
पर सबसे पहले बस एक इंसान मात्र हो।
फिर भी सबमे एक ही भावना ,
खुद को छोर बस औरो का ख्याल रखना।
सिर्फ तुम्हारी ड्यूटी ही नहीं ,
ये पी. पी. इ. किट पहनना
भी तो है चुनौती तुम्हारा ।
फिर भी नहीं करते तुम उफ़ तक।
डटे रहते हो अपनी ड्यूटी पर।
क्या माता - पिता और बीबी बच्चे ,
सबको भूले कर्त्तव्य के नीचे।
समझ नहीं आता करूँ कैसे मै ,
बखान ये तेरा।
सारे शब्द है फीके तुम पर ,
जो कर सके बखान को बिस्तार तुम्हारा।
उठ चुके हो सबसे ऊपर,
तुम हो एक कोरोना वॉरियर।
नहीं कोई तुमसे बढ़कर ,
तुम हो चुके प्रतिरूप परमात्मा।
आख़िर में तुमको कहना बस
सत सत नमन कोरोना वॉरियर।
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ye saal kuch alag raha, a tribute to corona warrior.