मेरी चाय Meri chay

मेरी चाय Meri chay



 
कविता परिचय

साथियों ये quotes भी मेरी ही लिखी हुई है, पर आप तो जानते है कि कवि की कल्पना जब उड़ान भरती है तो पंखों को परवाज़ लग जाते हैं और वो रुकने का नाम नही लेती। और जब बात चाय की हो तो, किस्से, कहानी,साहित्य से चलती हुई राजनीति की गलियों तक पहुंच जाती है।

जब एक चाय इतना कुछ कर सकती है तो, इसे, हमेसा तो सम्भव नही,पर जब साथ बारिश का हो, और बारिश की बूंदे अमृत समान होती है, तो मौकाए दस्तूर तो यही कहता है कि चलो कुछ लुत्फ़ हम भी उठाए और चाय जैसे कुछ ख़ास चीज़ो को खास बनाए। 

 

बारिश है, तो कुछ लुत्फ़ हम भी उठाते हैं ।

रिमझिम स्वाति की बूंदों को, समेट कुल्हड़ में,

कुछ अजमाइश का शौख हम भी रखते  हैं।

बड़ी ऐंठी है , ये चाय की पत्तियाँ,

चलो कुछ इसकी अकड़ कम हम भी करते हैं।

उबाल स्वाति की बूंदों संग,

इसे इसकी अच्छाइयों से मिलाप, हम करवाते हैं।

फिर खुशबुदार मसालों का इत्तर इसपर चढ़ाते हैं।

कमी बस मिठास की है, जिसे प्यार से पूरा करते हम  है।

ये शाम भी तो है हमारी खाश मेहमान,

कुछ पल के  लिए ही तो आती है।

इस शाम के लिए चाय कुछ खाश हम बनाते हैं।

फिर शाम , हम और हमारी ये चाय,

गुफ़्तगू कुछ खाश हम भी करते हैं।

याद रखे , ये चाय स्वाति की बूंदों और

चाय पत्ती की अकड़ कम कर बनी है,

और ढ़ेर सारा प्यार मिलाकर पूरा किया हमने है।

तब जाकर बनाई चाय, कुछ खास हमने है।

वाजिब है कि सामिल भी खाश ही होंगे,

भीर का हमे शौख नही, 

तो निमंत्रण भी कुछ को ही की हमने है।

         ✍️ Shikha Bhardwaj❣️💐🥀 



दोस्तो, उम्मीद है, आज की ये चाय आपके मुखड़े पर मुस्कान लाने में कामयाब हो।

अगर पसंद आए तो follow जरूर करे, और अपना ख़ास सुझाव जरूर दे।

आपकी शुभेक्षित।

🙏🏼🙏🏼🙏🏼






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