यादों की डायरी में सजा रखी है, तस्वीर तेरी
यादों की डायरी में सजा रखी है, तस्वीर तेरी।
यादों की डायरी में सजा रखी है, तस्वीर तेरी
जब खुलती है खुलने लगती हर ताबीर तेरी।
तू नहीं.....पर तेरी याद...
आज भी इस गुलशन को महका जाती है।
कैसे कहूँ, कि वही याद....
जीने का शबब बन जाती है।
यादों की डायरी में सजा रखी है, तस्वीर तेरी
क्या याद रखूं ? किसे भूल जाऊं ,
जब धड़कनो पर भी तेरा ही सुरूर है।
तुम्हारी आँखों की शरारते या उसकी गहराई ,
बेबाक बाते, या अचानक ही....
बहुत कुछ कहते कहते
बस यूँ हीं ,वो लवो की खामोशी।
वो तुम्हारा दीवानापन या
चेहरे पर आई शर्म की लाली।
वो बचपना तेरा या तेरी चतुराई।
यादों की डायरी में सजा रखी है, तस्वीर तेरी
कहते हैं कि समय की मांग यही ,
भूल जाऊं तुझे ,
और डाल दूँ तेरी यादो पर जुर्रत की मिटटी।
पर क्या इतना ही आसान है?
तुझको भूल जाना मेरा,
मुझे तो तेरे सहर का नाम भी,
याद दिलाता है तेरी।
यादों की डायरी में सजा रखी है, तस्वीर तेरी
तू नहीं पर तेरी हर बातो की पोटली,
सजा रखी है.....खुलेंगी गाँठे कि खुलेगी....
बन्द परी हर बातों की नज़्म तेरी।
वो कहकशें , वो ठहाके,
फिर धीरे से मुस्कुराना तेरा।
अब तो लगता है साथ ही मेरे ,
जायेगी याद तेरी ले सांस मेरी।
यादों की डायरी में सजा रखी है, तस्वीर तेरी
जब खुलती है ,खुलने लगती है हर ताबीर तेरी।
यादो की डायरी में जो सजा रखी तेरी तस्वीर है।
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Aparichita हरदम हरवक्त आपके साथ है। Aparichita कुछ अपने, कुछ पराए, कुछ अंजाने अज़नबी के दिल तक पहुँचने का सफर। aparichita इसमें लिखे अल्फ़ाज़ अमर रहेंगे, मैं रहूं न रहूं, उम्मीद है, दिल के बिखड़े टुकड़ो को संभालने का सफर जरूर आसान करेगी। aparichita, इसमें कुछ अपने, कुछ अपनो के जज़बात की कहानी, उम्मीद है आपके भी दिल तक जाएग
✍️Shikha Bhardwaj❣️