अगर हमसे मुबब्बत है,
तो इतना काम कर लो यार.
"अगर मुझसे मुहब्बत है" एक प्यार भरी कविता है, जिसमे, एक लड़की अपने जीवन साथी से अपने लिए जो चाहती है, उसको व्यक्त करती है। हर जीवन साथी, अपनी संगिनी को प्यार तो बहुत करता है, लेकिन खुशी के लिए बस छोटी - छोटी बातों की जरूरत होती है, वो अपना सब कुछ छोड़कर, जब शिर्फ़ जीवनसाथी साथी के भरोसे और विश्वास पर आती है, थोड़ी सी, दिल के किसी कोने में बचपने वाली जो उम्मीद है, या यूं कहिए कि अपने पिता का भी थोड़ा अक्स, वो अपने पति में ढूंढती है। "अगर हमसे मुबब्बत है, तो इतना काम कर लो यार"
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अगर हमसे मुबब्बत है, |
अगर हमसे मुबब्बत है,
तो इतना काम कर लो यार.
"Aparichita"
अगर हमसे मुबब्बत है,
तो इतना काम कर लो यार.
तो इतना काम कर लो यार.
जरा बर्दाश्त कर लो मेरी बेपरवाहि को,
और मेरी परवाह कर लो यार.
और मेरी परवाह कर लो यार.
जानती हूँ, मेरी नादानियाँ.
तुम्हारी कशमस बढाती है,
तो मुझे तुम बाँहों में भर लो,
और एक प्यारी सी थपकी देकर,
फिर मुझे समझा लो न यार।
तुम्हारी कशमस बढाती है,
तो मुझे तुम बाँहों में भर लो,
और एक प्यारी सी थपकी देकर,
फिर मुझे समझा लो न यार।
अगर हमसे मुबब्बत है,
तो इतना काम कर लो यार.
जब ज़िन्दगी माना तुझे ही है,
तो शरारतों के लिए और कहाँ मैं जाऊं यार.
तो शरारतों के लिए और कहाँ मैं जाऊं यार.
थोड़ी बचपना जो बाकि है,
किसी कोने में सही, थोड़ी तो रहने दो यार.
किसी कोने में सही, थोड़ी तो रहने दो यार.
पिता नही, तुम पति हो माना,
पर जिन्दगी में वो जगह भी,
तुम्ही ले लो न यार.
पर जिन्दगी में वो जगह भी,
तुम्ही ले लो न यार.
अगर हमसे मुबब्बत है,
तो इतना काम कर लो यार...
तो इतना काम कर लो यार...
उम्मीद है आप सबको ये थोड़ी सी नादानियों वाली, मुहब्बत की जो कुछ उम्मीदें हैं, वो पसंद आएगी।
अगर हमसे मुबब्बत है,
तो इतना काम कर लो यार.
तो इतना काम कर लो यार.
Agar-mujhse-muhabbat-hai-to-itna-kaam-kar-lo-yaar..