एक खत-ek khat
![]() |
एक खत-ek khat |
ise bhi dekhe:--
व्हाट्सएप और मैसेज के जमाने मे.....
एक खत तुम मुझे लिखना।
लिखना हर वो बात....
जो जुबा से तुम कभी कह नही पाए।
कुछ बातें होती है.....
आँखो और चेहरे पर लिखी होती है।
पढ़ तो लेती हूँ,
पर जो रह गया है...
एक खत में तुम उसे लिख देना।
लिखना एक खत.....
कुछ यादों की, कुछ वादों की....
रह गए दिल मे सारी जज़्बातों की...
शब्दों में ढाल देना।
एक खत....
अल्हड़ जवानी की लमहातों को चुराकर...
कुछ कसक.....कुछ ख़्वाब...
जो रह गई अधूरी...
मन के कोने में एक घर बनाकर।
लिख देना एक खत.....
तुम्हारे अधूरे प्यार के किस्से बनाकर....
बदल नही सकती.....
थोड़ी कोशिश उस जैसी बनकर....
सुकूँ दे सकूं तुम्हारे दिल को....
तुम्हारी होकर।
लिखना एक खत....
हर बातें समझाकर,
रहूंगी जबतक एकांत में पढूंगी।
जब जाऊँ जहां से विदा होकर...
मेरी अर्थी में सजाकर....
रख देना वो एक खत।
व्हाट्सएप और मैसेज के जमाने मे.....
एक खत तुम मुझे लिखना।
#अपरिचिता,#अभिव्यक्ति,#कविता,#abhivyakti,#Aparichita,#kavita,#Hindi Poetry, #video