कच्चे धागों के कच्चे बंधन-kacche dhago ke kacche bandhan

 कच्चे धागों के कच्चे बंधन-kacche dhago ke kacche bandhan




कच्चे धागों के कच्चे बंधन-kacche dhago ke kacche bandhan




कच्चे धागों के कच्चे बंधन-kacche dhago ke kacche bandhan

कच्चे धागों के बंधन, 

कभी कभी कच्चे ही रह जाते है।

जिसे जोड़ते-जोड़ते....

दिल के नित नए टुकड़े होते रहते है।

सात फेरे, सात जनम.....

प्यार अधूरा सा।

अधूरी ख्वाहिशें.... 

अधूरे से जज़्बात।

जाने क्यूँ ऊपर वाले का.....

ये हिसाब... अधूरा ही रह जाता है।

जिंदगी अधूरी रह जाती है।

वही अधूरापन....

अपनेपन की खोज में,

अपनी कब्र खुद खोद लेता है।

बंधन...

रिस्ते तो जोड़ देते हैं.....

दिल जोड़ना भूल जाते है।

जिंदगी हर पल नई बोझ बन जाती है।

कच्चे धागों का कच्चा बंधन।



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1 Comments

If you have any doubt, please let me know.

  1. बहुत लोगों की जिंदगी में ऐसा ही होता है.... कच्चे धागे कच्चे रिश्ते...अधूरी ख्वाईशें...अधूरे सपने...अधूरे जज्बात....

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