Khamoshi-खामोशी-Hindi poetry

 खामोशी_khamoshi

खामोशी_khamoshi


कहते हैं....

जिंदगी है...

बेबाकी से जियो।

क्या सच मे ?

जिस किसी ने भी....

ये कहा है...

उन्होंने क्या पूरी जिंदगी की,

कहानी लिखी है।

कोई भी मूवी... 

शादी के सीन के बाद...

खत्म हो जाती जाती है।

सोचा है, क्यों?

क्योंकि जिंदगी की असली कहानी...

वहीं से सुरु होती है।

सारी बेबाकी धीरे धीरे....

खामोशी में कब बदल जाती है...

अपनी रूह को भी पता नही चलता।

और फिर ख़ामोश रहना ही...

जिंदगी की रियल सीख बन जाती है।


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