रूह से कब जुदा थे तुम!!
Rooh se kab juda the tum!!!
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रूह से कब जुदा थे तुम!! |
Vajood (you tube video )
वज़ूद भले अलग रहा हमारा....
रूह से कब जुदा थे तुम !!!!
पर अब जब बाते होती है.....
यूँ लगता है....
हमी ने आशियाँ जलाया है हमारा...
अब धुंए की कौन कहे....
राख में बचा क्या ढूंढे हमारा...
पर अब जब बाते होती है.....
यूँ लगता है....
हमी ने आशियाँ जलाया है हमारा...
अब धुंए की कौन कहे....
राख में बचा क्या ढूंढे हमारा...
वज़ूद भले अलग रहा हमारा....
रूह से कब जुदा थे तुम !!!!
वो जो तुम रूह में बसा करते थे...
गैर से अंदाज़ लगने लगा है तुम्हारा...
फ़िर अब शिक़वे की बाते करे किससे....
कौन है जो किस्सा सुनेगा हमारा।
वज़ूद भले अलग रहा हमारा....
रूह से कब जुदा थे तुम !!!!
गिरफ़्त में वादों की आ जाती हूँ...
यूँ ही तुम्हारे...
मालूम होता है...
भ्रम की खंडहर खड़ी है अब भी...
गलतियों की कहकहे लगाना....
बाकी है तुम्हारा।
वज़ूद भले अलग रहा हमारा....
रूह से कब जुदा थे तुम !!!!
फिर वही वक्त ढूंढती हूँ...
जिसमे साथ हो तुम्हारा,
और सुकूँ हो हमारा।
उम्मीदों के ढ़ेर पर...
फिर वही गुनगुना.....
कहकहा हो हमारा।
वज़ूद भले अलग रहा हमारा....
रूह से कब जुदा थे तुम !!!!
उम्मीदों के ढ़ेर पर...
फिर वही गुनगुना.....
कहकहा हो हमारा।
लफ्ज़ खनखनाएँ और
ख़ामोश शामें.....
गीत गुनगुनाएं हमारा।
वज़ूद भले अलग रहा हमारा....
रूह से कब जुदा थे तुम !!!!