न जाने कैसा एहसास है-na jaane kaisa ye ehsas hai.

 न जाने कैसा एहसास है-na jaane kaisa ye ehsas hai.

न जाने कैसा एहसास है-na jaane kaisa ye ehsas hai



 न जाने कैसा एहसास है....

सामने दरिया है, 

और अनजाना सा प्यास है।


सामने दरिया है, 

और अनजाना सा प्यास है।

रास्ते हैं, सारे अनजाने से, 

रौशनी से अनजान जाए किधर ?


रौशनी से अनजान जाए किधर ?

मंजिल मिलेगी! कैसे भला?

दिमाग कुछ कहता है,

दिल की ख्वाहिशें अलग है।


दिमाग कुछ कहता है,

दिल की ख्वाहिशें अलग है।

दिल और दिमाग की इस लड़ाई में,

सुकून बस लापता हैं।


Na jane kaisa ye ehsas hai...(you tube video)

न जाने कैसा एहसास है....

मौज अठखेलियाँ खेलती, 

जाने क्या कहती है?


मौज अठखेलियाँ खेलती, 

जाने क्या कहती है?

समंदर का मिज़ाज़ बता रही, 

है वैसा ही शोर मेरे अंदर भी कहीं।


है वैसा ही शोर मेरे अंदर भी कहीं।

ठहर नही रही, मन का जो तूफ़ान है

न जाने कैसा एहसास है.....।



#Na_jaane_kaisa_ye_ehsas_hai. #अपरिचिता, #अभिव्यक्ति, #कविता, #शायरी, #Aparichita, #abhivyakti, #Hindi_poetry, #you_tube_Video.


1 Comments

If you have any doubt, please let me know.

Previous Post Next Post