1* रात के सन्नाटों से सुरु हुई गुफ्तगू...
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रात के सन्नाटों से सुरु हुई गुफ्तगू...
रात के सन्नाटों से सुरु हुई गुफ्तगू...
Rat ke sannaton se suru hui guftgu(you tube video)
रात के सन्नाटों से सुरु हुई गुफ़्तगू...
बीते वक्त के हर दरवाजे,
हर खिड़कियाँ खोलती....
लम्हा जैसे ठहर सा गया हो।
लम्हा जैसे ठहर सा गया हो।
फुसफुसाहटों का शोर,
बस थम सा गया हो।
दरों-दिबारों संग रात....
चर्चे मेरे ही भर रही हो।
चर्चे मेरे ही भर रही हो।
कुछ मेरे बीतें दिनों के किस्से रहे,
कुछ आज की कहानियाँ रही।
मेरे यादों की बारात....
इर्द-गिर्द मेरे ही नाचती रही।
मेरे यादों की बारात....
इर्द-गिर्द मेरे ही नाचती रही।
याद मेरी भी ताज़ी होती रही।
मैं भी अपने दिल के,
मुफ़लिसी के किस्सों दुहराती रही।
वक्त-वक्त के किस्से हुए,
कुछ में आँखे नम हुई,
कुछ में मुस्कुराहटों की महफ़िल जमी।
रात के सन्नाटों से सुरु हुई गुफ़्तगू...
बीते वक्त के हर दरवाजे,
हर खिड़कियाँ खोलती।
रात के सन्नाटों से सुरु हुई गुफ्तगू...
2* बस यूँ ही कह दिया था।
Bas youn hi kah diya tha
जाने क्या बात है,
या जज़्बात है !
तुम्हारी छोटी - बड़ी
हर बात याद है।
न जाने कितनी बार...
मन ही मन मे गुनगुनाती हूँ।
और फिर तुम कह देते हो...
बस यूँ ही कह दिया था।
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बस यूँ ही कह दिया था।
बस यूँ ही कह दिया था,
कसम से दिल तोड़ देते हो।
बातें... तो बहुत आती-जाती है,
न जाने क्यूँ ?
सिर्फ़ तुम्हारी बात ही,
जहन में बैठ जाती है।
और तुम कह देते हो,
बस यूँ ही कह दिया था।
बस यूँ ही कह दिया था।
दिन में धुरी दोपहरी संग,
रात में सितारे की बारात संग,
कितने ख्वाब कितने ख़याल....
जहन में याद संग, दर्द बन बैठा है
और तुम कह देते हो,
बस यूँ ही कह दिया था।
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बस यूँ ही कह दिया था।
पतझड़ के सूखे पत्ते सी,
न गिरी जमीन पर न हरी हूँ।
बस वक्त के झाड़ियों संग,
अटकी पड़ी हूँ,
अब तो करो कुछ बात, जज़्बात संग,
हो थोड़ी राहत, जो मिली है,
ज़िन्दगी से हरारत,
रूह को सुकून का लेप दे।
की अब बस करो ये कहना,
कि बस यूँ ही कह दिया था।
बस यूँ ही कह दिया था।
Heart touching ❣️
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