इस दौर-ए-जहाँ में, जहां देखो परिचित भीड़ बहुत है।

इस दौर-ए-जहाँ में, 
जहां देखो परिचित भीड़ बहुत है।

Is-daur-a-jahan-me-jahaan-dekho-parichit-bhid-bahut-hai.

इस दौर-ए-जहाँ में, 
जहां देखो परिचित भीड़ बहुत है।


 इस दौर-ए-जहाँ में, 

जहां देखो परिचित भीड़ बहुत है।


परिचित भीड़ तो बहुत है...

फ़क़त जब बात चले एहसास की

बस अपरिचिता सा ख़याल बहुत है।


दे जो पल भर की खुशी, 

ख़ुद ही फ़क़ीर सब बहुत है।

चले जो साथ कोई, साथी बहुत कम है।


इस दौर-ए-जहाँ में, जहां देखो परिचित भीड़ बहुत है।(you tube video)

इस दौर-ए-जहाँ में, 

जहां देखो परिचित भीड़ बहुत है।


वक़्त-ए-गर्दिश में, वक्त बहुत है,

जब वक्त पड़े किसी की,

सभी के पास वक्त बहुत कम है।


यूँ ही नही कहते, मालूम हमें सब है

दिया था, हमने भी जिसे पूरा वक्त,

हमारे लिए उनके पास, 

अब वक्त बहुत कम है।


इस दौर-ए-जहाँ में, 

जहां देखो परिचित भीड़ बहुत है।


पेचीदगी हमने सीखी नही, 

बस बनते रहे मज़ाक,

अब जब ख़ाक की दहलीज़ पर खड़े हैं,

हम भी थोड़ी संजीदगी पर कर ले इख़्तियार।


जाते-जाते ही सही, सीखेंगे...

हम भी उसके लिए कुछ सतरंजी चाल

जो समझता खुद को शातीर बहुत है।


इस दौर-ए-जहाँ में, 

जहां देखो परिचित भीड़ बहुत है।


#risten, #रिस्ते,#इस_दौर_ए_जहाँ_में_जहां_देखो_परिचित_भीड़_बहुत_है।#अपरिचिता, #अभिव्यक्ति, #ग़ज़ल, #abhivyakti, #Aparichita, #sad_shayri, #you_tube_Video.


Post a Comment

If you have any doubt, please let me know.

Previous Post Next Post