भगवत स्तुति
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।
हर कष्ट हरे हरि नारायणाय।
लक्ष्मीपती, नाभि कमल धराय।
शेषनाग शयनम, अमोघ चक्रधाराय।
दूरदर्शी और दृढ़ संकल्प प्रतिकाय।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय,
हर कष्ट हरे हरि नारायणाय।
बुद्धिभूतम, अच्युतम, शंखधराय।
सकारात्मक ऊर्जा, जग में फैलाय।
गोविंदा, गोकुल नन्दनाय।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय,
हर कष्ट हरे हरि नारायणाय।
कष्ट देख भक्त प्रह्लाद पर
क्षण में नरसिंघ रूप धराय।
संघार कर हिरण्यकश्यप को
भक्त प्रहलाद लिज्यो बचाय।
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भगवत स्तुति
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय,
हर कष्ट हरे हरि नारायणाय।
गोविंद , गोकुल, पिताम्बराय।
हर कष्ट हरे हरि नारायणाय।
क्षण में कच्छप रूप धराय
लियो निज कवच पर,
मंदार पर्वत, विशालकाय।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय,
हर कष्ट हरे हरि नारायणाय।
क्षीरसागर का मंथन सफल करे,
चौदह रत्नम संसार शौपाय।
सर्वगुण संसार दिज्यो फैलाय।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय,
हर कष्ट हरे हरि नारायणाय।
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