Akdu, अकड़ू
Akdu, अकड़ू |
Akdu, अकड़ू
क्या हुआ अकड़ू ?
जो आपने ये ख़ामोशी के शैलाब बहाए हैं।
थोड़ा तो दम धड़ो... रुको...
कि मेहमानों के ठहाके दबे जा रहे हैं।
चोला जो ओढ़े रखा है...
चेहरे पर मुस्कान का....
क्या इरादा है?
महफ़िल से रौनकें नूर.....
ख़ुद के नाम करने का इरादा है!
अच्छे तो नही हो, कि लूट लेते हो,
महफ़िलों के सारे चर्चे ख़ुद के नाम कर लेते हो।
#akdu_अकड़ू
Aparichita हरदम हरवक्त आपके साथ है। Aparichita कुछ अपने, कुछ पराए, कुछ अंजाने अज़नबी के दिल तक पहुँचने का सफर। aparichita इसमें लिखे अल्फ़ाज़ अमर रहेंगे, मैं रहूं न रहूं, उम्मीद है, दिल के बिखड़े टुकड़ो को संभालने का सफर जरूर आसान करेगी। aparichita, इसमें कुछ अपने, कुछ अपनो के जज़बात की कहानी, उम्मीद है आपके भी दिल तक जाएगी।
✍️Shikha Bhardwaj ❣️