पास ही रहा करो....दूर से ही सही |
पास ही रहा करो....दूर से ही सही |
अल्हड़ सी मदमस्त पवन....
उसपर संदल सी भीनी ख़ुशबू का आलिंगन....
ये एक फ़क़त झोंका नही....
हो न हो यहीं कही से हुआ है...
मेरी जान का रहगुज़र कहीं।
पास ही रहा करो....दूर से ही सही
बहुत तन्हा होता हूँ....तुम्हारे करीब आकर कहीं।
क़यामत है...जानती है..
उनबिन जिन्दगी का हर एक लम्हा हमारा
अरसा-अरसा, सदियों सा सफ़र हुआ है।
अब क़यामत में ही सही...
बड़ी आरज़ू है कि मैं भी...
उसके दिल में ही दफन हो जाऊँ कहीं।
पास ही रहा करो....दूर से ही सही
बहुत तन्हा होता हूँ....तुम्हारे करीब आकर कहीं।
क्या कहूँ के शायर...वो दर्द है ऐसी
की सीने को सुकूँ दे जाए जैसी।
जिक्र ही काफी है झकझोड़ने को
कि जैसे मेरी धड़कनों में दौड़ती लहू हो कही।
पास ही रहा करो....दूर से ही सही
बहुत तन्हा होता हूँ....तुम्हारे करीब आकर कहीं।
जज्बातों के भँवर से खुद को बचाते रहे
देखा जो उनकी वेपरवाहि...
दिले हालात ने मज़बूर किया...
और हम बस उनके सिवा और रहे न कहीं।
पास ही रहा करो....दूर से ही सही
बहुत तन्हा होता हूँ....तुम्हारे करीब आकर कहीं।
जाने क्यूँ आप अचानक ऐसी हुई हो सही
दिल जो दुखाने का शौख चढ़ा है बस यूँ ही...
तो शौख से दुखा लो......
हमने भी तो कई बार खुद का दुखाया है यूँ ही कहीं।
पास ही रहा करो....दूर से ही सही
बहुत तन्हा होता हूँ....तुम्हारे करीब आकर कहीं।
ख्वाबों से भी घबराकर उठ जाता हूँ..
गर उनमें तुम न हो कहीं...
ये फ़क़त शब्द नही..
रसाले ज़िन्दगी के किताब है...
दर्पण बन यूँ सामने खड़ा है....
तुम्हारे ही अक्स है...
देखो, पूरी किताब हो तुम्ही कहीं न कहीं।
पास ही रहा करो....दूर से ही सही
बहुत तन्हा होता हूँ....तुम्हारे करीब आकर कहीं।
Aparichita हरदम हरवक्त आपके साथ है। Aparichita कुछ अपने, कुछ पराए, कुछ अंजाने अज़नबी के दिल तक पहुँचने का सफर। aparichita इसमें लिखे अल्फ़ाज़ अमर रहेंगे, मैं रहूं न रहूं, उम्मीद है, दिल के बिखड़े टुकड़ो को संभालने का सफर जरूर आसान करेगी। aparichita, इसमें कुछ अपने, कुछ अपनो के जज़बात की कहानी, उम्मीद है आपके भी दिल तक जाएगी।
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✍️Shikha Bhardwaj ❣️