Jazbaat_जज़बात

 

Jazbaat,जज़बात

Jazbaat,जज़बात



Jazbaat,जज़बात

अक्सर जज्बातों के धागों में पिरोकर तुझे ओढ़ना चाहा.....
क्या ख़बर थी कि जज़्बात अक्सर मायूसी ही बुन लेते हैं।
किसी न किसी सिरे से छोटे ही
पड़ जाते हैं।



✍️Shikha Bhardwaj ❣️

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