Homekavita Jazbaat_जज़बात byShikha Bhardwaj -October 28, 2021 0 Jazbaat,जज़बातJazbaat,जज़बातJazbaat,जज़बातअक्सर जज्बातों के धागों में पिरोकर तुझे ओढ़ना चाहा.....क्या ख़बर थी कि जज़्बात अक्सर मायूसी ही बुन लेते हैं। किसी न किसी सिरे से छोटे हीपड़ जाते हैं।✍️Shikha Bhardwaj ❣️ Tags kavita quotes shayri Facebook Twitter