मेरे चेहरे की शुकून देती है
उसके दिल मे खलल बेमिशाल कहिं।
मेरे चेहरे की शुकून देती है |
उसके दिल मे खलल बेमिशाल कहिं। |
Mere chehre ki shikan deti hai, uske dil me khalal bemisaal kahin(you tube video)
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#khala_ख़लल |
मेरे चेहरे की शुकून देती है
उसके दिल मे खलल बेमिशाल कहिं।
आज भी वो फ़क़त परेशान...
सिर्फ यूँ गया...
कि मेरे चेहरे पर उसे
ढूंढे भी कोई शिकन न मिला।
सिर्फ यूँ गया...
कि मेरे चेहरे पर उसे
ढूंढे भी कोई शिकन न मिला।
वो रुसबा है कि मैं रोती रहती क्यों नही...
क्यूँ नही ओढ़ा... शिकन का चिलमन ही सही।
मेरे चेहरे की शुकून देती है
उसके दिल मे खलल बेमिशाल कहिं।
हाँ फ़िर भी.. दावा है उसका कि वो भी ..
करता मुझसे मुहब्बत कम नही...
पर क्या करे...., क्या करे कि
मेरे चेहरे की शुकून देती है
उसके दिल मे खलल बेमिशाल कहिं।
और उसकी यही अदा... यही अदा उसकी
मेरे जीने की शबब बढ़ा देती है कहीं न कहीं।
मेरे जीने की शबब बढ़ा देती है कहीं न कहीं।
कि मेरे चेहरे पर उसे
ढूंढे भी कोई शिकन न मिला कहीं।
ढूंढे भी कोई शिकन न मिला कहीं।
मुझे भी नही...उससे शिकवा ही कोई....
साथ नही.., साथ नही.....न सही
सबक तो दे ही गया है वो कोई...
कि मेरे माशूम से दिल मे वो बस....
जहर की पोटली छोर गया कोई।
साथ नही.., साथ नही.....न सही
सबक तो दे ही गया है वो कोई...
कि मेरे माशूम से दिल मे वो बस....
जहर की पोटली छोर गया कोई।
मेरे चेहरे की शुकून देती है
उसके दिल मे खलल बेमिशाल कहिं। |
विश्वास क्या है? किसने सुना है,
कि टूटता नही,
हाँ कभी कांच की तरह बिखरा जो नही।
न टुकड़े बुने, न दर्द के पौधे दिखे
जो....बो गया कोई।
फिर भी मुझसे,
बेइन्तहां मुहब्बत करता है...कोई।
कि मेरे चेहरे पर उसे
ढूंढे भी कोई शिकन न मिला।
वो रुषबा है कि मैं रोती रहती क्यों नही...
कि मेरे चेहरे की शुकुन देती है
उसके दिल मे खलल बेमिशाल कहीं।
"मेरे चेहरे की शुकून देती है
उसके दिल मे खलल बेमिशाल कहिं।" उम्मीद है...आपलोगों को मेरी ये रचना पसंद आएगी।आप सबसे ये अनुरोध है कि आप इसे पढ़े और मुझे suggest करे🙏🏼
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✍️ Shikha Bhardwaj❣️