सुनो !
इससे पहले कि यादे दिसम्बर के कोहरे में धुंधली होने लगें....
सुनो !
इससे पहले कि यादे, दिसम्बर के कोहरे में धुंधली होने लगें....
इससे पहले कि यादे, दिसम्बर के कोहरे में धुंधली होने लगें....
सुनो !
इससे पहले कि यादे......
दिसम्बर के कोहरे में धुंधली होने लगें....
मैं ख्वाबो में तेरा इंतज़ार करूँगी।
तुम मिलने आ जाया करो।
सुनो !
ख़यालो का सामियाना...
आधे - आधे तुम, आधी - आधी मैं
सामने वक्त के मेज़ पर...
अरमानों से भरी,
चाय की बस एक ही कप।
सुनो !
संग ईश्क़ को भी निमंत्रण दो।
कि सामने पड़ी अलाव में जड़ा हवा तो दे।
देखो अभी से बेदम हो रही है...
अभी तो हमारे ख़यालो को बस पंख लगे हैं..
अभी तो बादलों के पार जाना है।
सुनो !
इस सर्द रात में कुछ यूं ख्वाबों को तुम हवा दो
हमारे ख़यालो के पैमाने में ख़ुशी के वो जाम भरो..
उम्र तो गुजरे.... पैमाना भरा मिले।
सुनो !
इससे पहले कि यादे.....
दिसम्बर के कोहरे में धुंधली होने लगें....
मैं ख्वाबो में तेरा इंतज़ार करूँगी।
तुम मिलने आ जाया करो।
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✍️Shikha Bhardwaj ❣️