जिंदगी-Jindgi

 Aparichita-अपरिचिताकुछ अपने, कुछ पराए, कुछ अंजाने अज़नबी के दिल तक पहुँचने का सफर। aparichita-अपरिचिता इसमें लिखे अल्फ़ाज़ अमर रहेंगे, मैं रहूं न रहूं, उम्मीद है, दिल के बिखड़े टुकड़ो को संभालने का सफर जरूर आसान करेगी। aparichita-अपरिचिता इसमें कुछ अपने, कुछ अपनो के जज़बात की कहानी, उम्मीद है आपके भी दिल तक जाएगी।


#जिंदगी
#Jindgi 

#जिंदगी
#Jindgi 


ज़िन्दगी की डायरी के कुछ पन्ने 

अभी भी बाक़ी है....
मुझे ख़बर है, 
चैन की नींद आनी अभी भी बाक़ी है।

वो मज़े में है, 
वो भी रोएगा एक दिन, मेरे जाने के बाद,
मेरा जाना अभी बाक़ी है।

क्या सुनता है जाने वाला भी....
ये लफ़्ज, "इंसान भला था"
चाहे ज़िन्दगी बेज़ार रही,
मोहताज रहे कुर्बत की उसकी,
अब जनाज़े देखो, 
किसी और के काँधे की मोहताज़ हुई।

ज़िन्दगी की डायरी के कुछ पन्ने , 
अभी भी बाक़ी है....

कहते हैं जाने के बाद सब ठीक हो जाता है,
पर हम अभी जिंदा है, जीने के हिसाब अभी बाक़ी है।

ख़ुशी वेवफ़ा निकली, दिखी पर हाथ न लगी,
ज़िन्दगी गम की कुर्बत का मोहताज़ रही


जिन्दगी की डायरी के कुछ पन्ने
अभी भी बाक़ी है।


Aparichit,अपरिचिता

#jindgi_जिंदगी


        ✍️Shikha Bhardwaj❣️






4 Comments

If you have any doubt, please let me know.

  1. बहुत सुंदर है आपकी रचना धन्यवाद जी
    शुभ प्रभात।। ईश्वर आपको प्रसन्न चित्त रखे

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  2. सुंदर रचना, दिल से दिल तक👌👌

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  3. बहुत सुंदर रचना, दिल से दिल तक 👌👌

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