क्योंकि मेरी कहानी तुम से तुम तक।
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Kyonki meri kahani tum se tak. |
कविता परिचय:
कुछ खूबियां:
इमेजरी और भावनात्मक गहराई — "नर्म धूप की चादर", "गिरते गुलमोहर के फूल" जैसी पंक्तियाँ बहुत दृश्यात्मक और संवेदनशील हैं।
कथात्मक प्रवाह — शुरुआत यादों से होती है और अंत जीवन के साथ के वादे पर होता है, जो कविता को एक संपूर्णता देता है।
दोहराव का असर — "मेरी कहानी तुम से तुम तक" का दोहराव इसे और यादगार व असरदार बनाता है।
यादों के झरोखों में आज भी वो सुबह,
जहाँ नर्म धूप की चादर बिछी थी,
आँखें शरारती थीं,
और दिल में कुछ हलचल-सी उठी थी।
किसी ने गिरते गुलमोहर के फूलों को
ज़मीन से पहले अपनी हथेली में जगह दी थी।
कोई ख़ास वजह तो नहीं थी,
पर अब मेरी पूरी कहानी
उसी से शुरू थी, और उसी पर ख़त्म होने की।
अब बढ़ गए हैं हाथ थामकर,
बेपरवाहियों की सारी कसमें खाकर,
समाज की सारी रीत तोड़कर,
हवाओं के भी रुख मोड़कर—
तो देना साथ उम्र की सारी सीमाएँ लाँघकर,
क्योंकि अब
मेरी कहानी तुम से तुम तक।
स्नेहिल धागों से तुम्हें जोड़कर,
जो बस चले मेरा,
पलकों के शामियाने में तुम्हें कैद कर,
रख लूँ तुम्हें धड़कनों में जोड़कर—
क्योंकि मेरी कहानी तुम से तुम तक।
तुम से शुरू मेरी सुबह,
तुम तक ही ज़िन्दगी की शाम हो,
हो साथ हमारा साँसों की आख़िरी डोर तक,
लिखूँ मैं कहानी अपनी सारी,
तुम से... तुम तक।
कूल मिलाकर ये कविता बहुत ही भावुक और खूबसूरत है — इसमें यादें, प्रेम और अपनापन का गहरा अहसास है।
शुरुआत में मैने नर्म धूप, शरारती आँखें और गुलमोहर के फूल से जो इमेजनरी की है, यह पाठक को तुरंत उस पल में ले जाती है।
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