Do you want to be a writer or poet ? Let's learn.(क्या आप writer या poet बनना चाहते हैं ?आइए सीखते हैं।

Do you want to be a writer or poet ? Let's learn.(क्या आप writer  या poet बनना चाहते हैं ?आइए सीखते हैं।

Do you want to be a writer or poet ? Let's learn.(क्या आप writer  या poet बनना चाहते हैं ?आइए सीखते हैं।




लेखक या कवि कैसे बनते हैं ?, How to be a writer or poet? 

क्या आप राईटर writer  या poet बनना चाहते हैं?

"writer या poet" मतलब जो कविता कहानी , गीत, ग़ज़ल लिखते हैं, वो writer या poet होते हैं। 

ऎसे तो ईश्वर हर किसी को किसी न किसी खास गुणों के साथ पृथ्वी पर भेजते हैं, और दूसरी होती है उनकी ईक्षा शक्ति। जो असंभव को भी संभव बना देती है।
 आप इस ब्लॉग को पढ़ रहे हैं, मतलब आपको भी writer या poet बनने की लगन है।

तो आज मैं आपको बताऊंगी कि:

Writer या Poet कैसे बना जा सकता है।


बहुत लोगों  की ईक्षा होती है कि वे writer या poetबने।

तो पहले मै गलतियों की और इंगित करती हूँ ताकि आप लिखने से पहले उसका सुधार कर ले। 

Five fatal mistakes in writing skills:-

Five fatal mistakes in writing skills



1. पढ़ने में अरुचि(disinterest in reading another author's writing)

एक क़ाबिल writer को या कवि को लेखनी के जीवन में फेल कर देती है, वो है दूसरे की लिखी हुई को पढ़ने में अरुचि।

जब कोई नया  - नया लिखना शुरू  करते हैं.... तो उन्हें लगता है की पढ़ना क्या जरुरी है, मै तो ऐसे ही लिख लूंगा या फिर   सबसे ज़्यादा जो जरुरी है.. राइटर (writer )या पोएट(poet ) बनने के लिए वो...  ये कि आप पहले खूब पढ़े .... और पढ़ते जाए।  चाहे वो बड़े लेखक की या छोटे लेखक की लिखी हुई कविता , आर्टिकल या कहानी हो आप पढ़ना जारी रखे ।
Even news paper ही क्यों न हो आपको बस पढ़ते जाना है।
किसी बड़े लेखक ने कहा है, पढ़ना भरना है.....तो लिखना छलकना।
ये कभी मत सोचिए कि आप दूसरे का पढ़ेंगे तो उनके जैसे हो जाएंगे। अच्छे लेखक हमेसा दूसरे का 100 पन्ना पढ़ते हैं तो खुद का एक लाइन लिखते हैं।
अच्छा लिखने से पहले अच्छा पढ़ना होता है। आप इतना पढ़िए कि, heart break जैसे शब्द सुनते ही, आपके कानो में एक से एक गीत-ग़ज़ल या प्यार का शब्द सुनकर, एक-से-एक romantic गानों की lyrics आपके कानों के पास बजने लगे।

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2. Don't be a copycat(अच्छा writer बनने के लिए कभी भी किसी की नकल न करे): 


किसी का अनुसरण करना और किसी की नकल करना बहुत ही अलग बातें हैं। अच्छा poet या writer(लेखक) बनने के लिए, कभी भी किसी की नकल नही करनी चाहिए।
लिखते समय इतना ख्याल रखें कि कोई भी दूसरा, प्रेमचंद निराला,अज्ञेय या अन्य कोई भी महान लेखक दूसरा नहीं हो सकता। आप - आप हैं, दूसरे नही हो सकते। कागज़ पर सिर्फ अपने दिल की बात उकेरिए, कभी किसी की नकल न करे। अपना अंदाज़, अपना स्वेग, अपना स्टाइल।

Writing जब भी करे, पूरे मन से करे, कभी आधे - अधूरे मन से या अधूरे वक़्त से न करे। पूरा समय दे, लिखने में, पढ़ने में या सोचने में। फिर दिल के धरातल से जो शब्द आते हैं, उन्हें कागज़ पर अपने कलम से उकेर दे।
पढ़े निराला को, नागार्जुन को, दिनकर को, प्रेमचंद को, या आज के जो भी साहित्यकार हैं, उन्हें। उनके शब्दों के जादू को समझे।

3. कभी भी अपनी सादगी से समझौता न करे (never compromise on your simplicity):

अच्छा poet या writer बनने के लिए जो भी लिखिए, सड़ल भाषा में लिखिए, सादगी में लिखिए।हिंदी हमारी मातृभाषा है, ये समझना सबसे बड़ी भूल है कि अब साहित्य के दिवाने नही रहे। जिस दिन ये होगा हमारी संस्कृति खत्म हो जाएगी। वेस्टर्न भाषा ने कुछ प्रतिशत लोगो को इंफ्लुएंस किया है लेक़िन हिंदी के दिवाने अब भी कम नही है। इसलिए ऐसा लिखिए, जो पढ़ने वाले की समझ में आसानी से आ आए।
बहुत बड़े-बड़े या डिफिकल्ट वर्ड्स की जरूरत नहीं है। जमाने के साथ हमे लेखनी में भी कुछ बदलाव करने चाहिए, क्योंकि जब हम अभी T20 मैच के दीवाने हैं वहाँ, टेस्ट मैच देखना पसंद करने वाले की कमी हो जाती है।
न तो कोई अब डिक्शनरी लेकर ही बैठेंगे कि शब्दों को समझे। इसलिए ऐसा लिखे कि पढ़ने के साथ-साथ समझ मे आते रहे। अगर आप इसे कड़वी सच्चाई कहे तो चलेगा, लेकिन सच्चाई यही है।
यहाँ आप एक कॉमर्सियल poet या writer बनने की तैयारी कर रहे हैं, इसलिए इन टिप्स को ध्यान में रखना जरूरी है। लेक़िन अगर ये आपका शौख है, तो आप किसी टिप्स को मत मानिए बस पढ़ते जाइए और साहित्य के अथाह सागर से शब्दों की मोती को पिरोते रहिए।
अब आपको ख़्याल रखना है कि आप शौखिया poet या writer बनना चाहते हैं या फिर कॉमर्सियल।
कॉमर्सियल writer को कठिन से कठिन शब्दों को भी सरल भाषा मे पिरोकर लिखना आना चाहिए।
आप गाने को सुनिए, जितने भी पसंदीदा गाने लिखे गए हैं सभी सड़ल और आसान भाषा मे लिखे गए हैं, और वो खूब चले भी हैं।
तो तीसरी और बड़ी mistake ये है कि, सादगी से समझौता कभी नहीं।

4. subconscious mind(अचेतन मन ): फेल्योर writer की सबसे बड़ी निसानी है।

आप अचेतन मन से कभी भी अच्छे poet या writer नही बन सकते। आपके subconscious mind को conscious में परिवर्तित करना ही होगा। ऐसा करने से आप खुद देखेंगे कि जब आपके हाथ में कलम होंगी, उस समय शब्द खुद ब खुद कड़ी को जोड़ते हुए आपके मन के धरातल से उन कागजों पर सजने लगेंगे जिससे आप अपनी सुंदर अभिव्यक्ति से एक सुंदर कहानी या कविता का स्वरूप गढ़ सकेंगे।
जिस किसी भी subject पर आप।कलम चलाएंगे उससे मिलता-जुलता रेफरेंस आपके दिमाग में कौंधता चला जाएगा। आपके लिखने के speed और depth दोनो ही इम्प्लीफाय होने लगेंगे।
लेखनी में मार्कर की कोई जगह नही होनी चाहिए।


5. पाँचवी और आख़िरी mistakes in writing: गलत examples चुनने की भूल।

बहुतों से सुनने को मिलता है कि writing में कोई करियर नही है। आप कभी भी इन बातों पर ध्यान नही दे, कि writing में कोई करियर नहीं है। पहले की बात अलग थी, जब निराला और नागार्जुन जैसे कवि स्वायतय्य के लिए लिखा करते थे, लेकिन अब की बात अलग है। अभी बहुत ऐसे नामचीन लेखक है, जिनका प्रोफेशन सिर्फ़ लेखनी है, और वे आराम से समाज1मे मान-सम्मान के साथ अपना जीवन यापन कर रहे हैं।

तो ये थी आपके लिखने के five fatal mistakes जो आपको अच्छे writer या poet बनने में बड़े बाधक सिद्ध हो सकते हैं। इनसे आपको हर हाल में बचना है।

अब बात करते हैं:-

हिंदी कविता कैसे लिखें जो आपके पाठकों को आकर्षित कर सके ?


हिंदी कविता कैसे लिखें जो आपके पाठकों को आकर्षित कर सके ?




 इस नए जमाने के दौर में हर किसी के हाथ मे मोबाइल और लगभग हर घर मे लैपटॉप है। साक्षरता दर भी काफी बढ़ी है, हर कोई अपनी पर्सनल अर्निंग करना चाहता है। इसी में बहुतों को लिखने का भी शौख के साथ -साथ घर बैठे-बैठे अर्न करना भी, हर किसी के ख़याल में आता है। किसी का मन जन्मजात ही कवि होता है, जिसमे तरह - तरह की भावनाएं उमड़ती रहती है , तो कुछ साहित्य को पढ़ कर नया सीखने और लिखने की जागृति को बढ़ावा देते हैं और नए मकाम को हासिल करते हैं।
तो अगर आपके मन मे भी इस तरह के भाव या विचार आ रहे हैं, तो क्यों न इन भावनाओं को शब्दों के जरिए कागज पर उतारा जाए लेकिन सही तरीका पता नहीं। 

आज इन्ही सब विचारों को ध्यान में रखकर मैंने आपके लिए, अच्छे poet या writer बनने के सारे तरीकों को आपके सामने रखने की कोशिश करूँगी।

आप यहां अपनी writing skill को बढ़ाने के तरीको को ढूंढने आएं है , तो मै बता दूँ कि आप बिलकुल सही जगह पर हैं। आप इस लेख को पढ़े और अच्छा से अच्छा writer या poet बनने के रास्ते पर चल पड़े। 


माना कि अच्छा writer या poet बनने की खूबी जन्मजात होती है, लेकिन किसी महान लेखक ने भी तो यूँ ही नही कहा कि, "एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो, फिर देखो आसमान में सुराख कैसे नही होता।" आप भी अच्छे writer या poet बन सकते हैं, थोड़ी मुश्किल भी है... क्योंकि writer या poet बनने के लिए एक अजब से नशा और जूनून, इनसान के अंदर होनी चाहिए। या यूं कहिए कि writer या poet बनना उनके DNA में होता है।

लेक़िन फिर भी इंसान चाहे तो कुछ भी कर सकता है। आप जो भी काम करते हैं , उसमे मज़ा आना चाहिए। खुशी मिलनी चाहिए। अगर आप शिर्फ़ कोशिश करते हैं , तो संभव नही कि आप उस काम मे सक्सेस हो जाए लेकिन अगर जुनून है तो आपको फिर कोई रोक भी नही सकता है।

कविता लिखते वक्त कवि की सोच का कोई अंत नही होता, और न ही वो वहां मौजूद होता है, वो तो अपनी कविताओं की अलग ही दुनिया मे खोया रहता है। फिर कल्पनाओं की उड़ान कहाँ रुकती है।

किसी भी इंसान को अच्छे writer या poet बनने के लिए, दिमाग मे एक चीज़ के लिए सैंकड़ो नाम और शब्दों की पूरी डिक्सनरी या शब्दकोश कौंधते रहने चाहिए। 

 तुकबंदियों और विचारों का जो ज्वार भाटा उठता रहता है, उछलता जाता है...बस कभी रुकता नही , चलते रहता है।

कविता या लेखनी के सफ़र में जो रुक गया,उसे मंजिल कभी नही मिलती, इसमे तो नदियों की तरह बहते रहना पड़ता है....अथाह। पहाड़ो से चलकर समुंदर में मिलना..जहां कभी शांत तो कभी उतशृंखल विचारों का बबंडर उठते रहता है, दुनिया से अलग , राइटर या पोएट(writer or poet) की एक जहाँ होती है, जहाँ वह,एक खामोशी में तुफानो को ढूँढता हुआ, बहता चला जाता है।

"खुशरो दरिया प्रेम का,सो उल्टी वा कि धार।

जो उभरा सो डूब गया,जो डूबा सो पार।।

राइटिंग(writing) के प्रोफेशन में, 

"Your depth is your hight."

यानी कि शब्दों के तालाब में जितने गहरे उतरेंगे, आपकी उड़ान उतनी उँची होंगी।

तो आप अपने आप को पुछिए कि क्या सच मे,आपके अंदर से लिखने की आवाज़ आती है, क्या आप इसमें डूब सकते है, आपकी आत्मा आपको पेपर पेन और शब्दों के अथाह समंदर में उतारने को व्याकुल करती है? 

अगर ये सब है, तो आप लिखने से पहले उन गलतियों की तरफ़ पहले ध्यान दे, जो आपको बिल्कुल भी नही करनी है।

अच्छे कवि या poet बनने के लिए सबसे जरूरी क्या है?

साहित्य, कविता और लेखनी की चर्चा हो और महाकवि दिनकर, निराला, बच्चन और न जाने कितने साहित्यिक रचनाओं में जान डालने वाले महाकवि, साहित्यकार को आजकल इंगलिश प्रेमियों जिन्होंने इस धरा और धरा के अनगिनत लाल, जिनसे देश की शोभा है...उनको भुलाकर... इंग्लिश पढ़ने और इंग्लिश बोलने के पीछे दिनों-दिन पिछड़ते ही जा रहे हैं।

पता नही मेरी कोशिश कितनी कामयाब होगी....

लेक़िन इस उम्मीद से कि हमारी युवा पीढ़ी का रुझान फ़िर से हमारे हिंदी साहित्य और उन्हें लिखने वाले अनगिनत साहित्यकार के तरफ़ हो...

मेरी कोशिशें जारी रहेगी।

हिंदी हमारी मातृभाषा है...और सब भाषाओं से पहले इसका ज्ञान हमारे लिए सर्वोपरि होना चाहिए और हिंदी के ही जरिए हम अपने महाकवियों को भी याद कर, जितनी उनके बारे में या उनकी कविताओं को पढ़ेंगे या उनकी कविताओं के भावो को समझने की कोशिश करेंगे, हमारी लेखनी पर पकड़ मज़बूत होती जाएगी।


भले ही आज की युवा पीढ़ी इंग्लिस नोबेल और इंग्लिश गाने की दीवानी हो , लेक़िन जिसने भी साहित्य  या हिंदी को जरा भी जाना है...वो हरिवंशराय बच्चन, दिनकर, निराला, नागार्जुन, मैथिलीशरण गुप्त जी इत्यादि  के नामों और उनकी कविताओं से जरूर अवगत होंगे। शायद ही कोई अपवाद होगा जो इन सब महाकवि के काव्य-रचनाओं से अवगत न हो।


निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि उनकी कविता बहुत से युवा व नए लिखने वालों को नई दिशा और नया दृष्टिकोण दे सकता है। अगर उनकी बातें और उनकी लेखनी पर अमल किया जाए तो एक बेहतरीन कवि या लेखक बना जा सकता है। 


कवि है लेखक(poet or writer) बनने के लिए सबसे पहले भावनाओं को आत्मसात किया जाना सबसे ज्यादा जरूरी होता है, जिसने भावनाओं को आत्मसात कर लिया वही सफ़ल कवि और गीतकार बन  सकेगा़।


कवि को शब्दों में न तो ज्यादा कंजूसी ही बरतनी चाहिए और न ही ज़्यादा फूहड़पन क्योंकि रचना में अनावश्यक फैलाव यों तो साहित्य मात्र में अवांछनीय है पर गीत में तो उसका तनिक भी स्थान नहीं है। 


कविता केवल बाहर से सुन्दर दिखाई देने वाली विषय वस्तुओं पर निर्भर न रहकर.. दर्शन, अध्यात्म, चिंतन, आन्तरिक विश्लेषण,प्राकृतिक परिवेश,इत्यादि स्थानों में भी इसका बृहद स्वरूप है।

काव्य का संबंध वस्तु जगत से ज़्यादा भाव जगत से होता है।

कविताओं में भाव पर अंकुश....काव्य को संकीर्ण बना देता है। कवि जितना ही भावो के समंदर में गोते लगाता है, शब्द पर पकड़ उतनी ही मजबूत होती है।


ये सारे नियम कोई अधिकारिक तौर पर स्वीकृत नही है, लेकिन मेरे अनुभव जरूर है। कुछ बड़े लेखकों और कवियों को भी मैने पढ़ा और सुना है उन सबकी जानकारियों को एकत्रित कर ही अपना ये अनुभव आपसे साँझा कर रही हूँ, उम्मीद है आप सबके काम भी अवश्य आएंगी।


Do you want to be a #writer_or_poet ? Let's learn.(क्या आप writer  या poet बनना चाहते हैं ?आइए सीखते हैं।


#Aparichita हरदम हरवक्त आपके साथ है। #Aparichita कुछ अपने, कुछ पराए, कुछ अंजाने अज़नबी के दिल तक पहुँचने का सफर। #aparichita इसमें लिखे अल्फ़ाज़ अमर रहेंगे, मैं रहूं न रहूं, उम्मीद है, दिल के बिखड़े टुकड़ो को संभालने का सफर जरूर आसान करेगी। #aparichita, इसमें कुछ अपने, कुछ अपनो के जज़बात की कहानी, उम्मीद है आपके भी दिल तक जाएगा।

                              ____Shikha Bhardwaj ✍️








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