Do you want to be a writer or poet ? Let's learn.(क्या आप writer या poet बनना चाहते हैं ?आइए सीखते हैं।
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Do you want to be a writer or poet ? Let's learn.(क्या आप writer या poet बनना चाहते हैं ?आइए सीखते हैं। |
लेखक या कवि कैसे बनते हैं ?, How to be a writer or poet?
क्या आप राईटर writer या poet बनना चाहते हैं?
Writer या Poet कैसे बना जा सकता है।
तो पहले मै गलतियों की और इंगित करती हूँ ताकि आप लिखने से पहले उसका सुधार कर ले।
Five fatal mistakes in writing skills:-
1. पढ़ने में अरुचि(disinterest in reading another author's writing)
एक क़ाबिल writer को या कवि को लेखनी के जीवन में फेल कर देती है, वो है दूसरे की लिखी हुई को पढ़ने में अरुचि।
2. Don't be a copycat(अच्छा writer बनने के लिए कभी भी किसी की नकल न करे):
3. कभी भी अपनी सादगी से समझौता न करे (never compromise on your simplicity):
4. subconscious mind(अचेतन मन ): फेल्योर writer की सबसे बड़ी निसानी है।
5. पाँचवी और आख़िरी mistakes in writing: गलत examples चुनने की भूल।
तो ये थी आपके लिखने के five fatal mistakes जो आपको अच्छे writer या poet बनने में बड़े बाधक सिद्ध हो सकते हैं। इनसे आपको हर हाल में बचना है।
हिंदी कविता कैसे लिखें जो आपके पाठकों को आकर्षित कर सके ?
आप यहां अपनी writing skill को बढ़ाने के तरीको को ढूंढने आएं है , तो मै बता दूँ कि आप बिलकुल सही जगह पर हैं। आप इस लेख को पढ़े और अच्छा से अच्छा writer या poet बनने के रास्ते पर चल पड़े।
लेक़िन फिर भी इंसान चाहे तो कुछ भी कर सकता है। आप जो भी काम करते हैं , उसमे मज़ा आना चाहिए। खुशी मिलनी चाहिए। अगर आप शिर्फ़ कोशिश करते हैं , तो संभव नही कि आप उस काम मे सक्सेस हो जाए लेकिन अगर जुनून है तो आपको फिर कोई रोक भी नही सकता है।
कविता लिखते वक्त कवि की सोच का कोई अंत नही होता, और न ही वो वहां मौजूद होता है, वो तो अपनी कविताओं की अलग ही दुनिया मे खोया रहता है। फिर कल्पनाओं की उड़ान कहाँ रुकती है।
किसी भी इंसान को अच्छे writer या poet बनने के लिए, दिमाग मे एक चीज़ के लिए सैंकड़ो नाम और शब्दों की पूरी डिक्सनरी या शब्दकोश कौंधते रहने चाहिए।
तुकबंदियों और विचारों का जो ज्वार भाटा उठता रहता है, उछलता जाता है...बस कभी रुकता नही , चलते रहता है।
कविता या लेखनी के सफ़र में जो रुक गया,उसे मंजिल कभी नही मिलती, इसमे तो नदियों की तरह बहते रहना पड़ता है....अथाह। पहाड़ो से चलकर समुंदर में मिलना..जहां कभी शांत तो कभी उतशृंखल विचारों का बबंडर उठते रहता है, दुनिया से अलग , राइटर या पोएट(writer or poet) की एक जहाँ होती है, जहाँ वह,एक खामोशी में तुफानो को ढूँढता हुआ, बहता चला जाता है।
"खुशरो दरिया प्रेम का,सो उल्टी वा कि धार।
जो उभरा सो डूब गया,जो डूबा सो पार।।
राइटिंग(writing) के प्रोफेशन में,
"Your depth is your hight."
यानी कि शब्दों के तालाब में जितने गहरे उतरेंगे, आपकी उड़ान उतनी उँची होंगी।
तो आप अपने आप को पुछिए कि क्या सच मे,आपके अंदर से लिखने की आवाज़ आती है, क्या आप इसमें डूब सकते है, आपकी आत्मा आपको पेपर पेन और शब्दों के अथाह समंदर में उतारने को व्याकुल करती है?
अगर ये सब है, तो आप लिखने से पहले उन गलतियों की तरफ़ पहले ध्यान दे, जो आपको बिल्कुल भी नही करनी है।
अच्छे कवि या poet बनने के लिए सबसे जरूरी क्या है?
साहित्य, कविता और लेखनी की चर्चा हो और महाकवि दिनकर, निराला, बच्चन और न जाने कितने साहित्यिक रचनाओं में जान डालने वाले महाकवि, साहित्यकार को आजकल इंगलिश प्रेमियों जिन्होंने इस धरा और धरा के अनगिनत लाल, जिनसे देश की शोभा है...उनको भुलाकर... इंग्लिश पढ़ने और इंग्लिश बोलने के पीछे दिनों-दिन पिछड़ते ही जा रहे हैं।
पता नही मेरी कोशिश कितनी कामयाब होगी....
लेक़िन इस उम्मीद से कि हमारी युवा पीढ़ी का रुझान फ़िर से हमारे हिंदी साहित्य और उन्हें लिखने वाले अनगिनत साहित्यकार के तरफ़ हो...
मेरी कोशिशें जारी रहेगी।
हिंदी हमारी मातृभाषा है...और सब भाषाओं से पहले इसका ज्ञान हमारे लिए सर्वोपरि होना चाहिए और हिंदी के ही जरिए हम अपने महाकवियों को भी याद कर, जितनी उनके बारे में या उनकी कविताओं को पढ़ेंगे या उनकी कविताओं के भावो को समझने की कोशिश करेंगे, हमारी लेखनी पर पकड़ मज़बूत होती जाएगी।
भले ही आज की युवा पीढ़ी इंग्लिस नोबेल और इंग्लिश गाने की दीवानी हो , लेक़िन जिसने भी साहित्य या हिंदी को जरा भी जाना है...वो हरिवंशराय बच्चन, दिनकर, निराला, नागार्जुन, मैथिलीशरण गुप्त जी इत्यादि के नामों और उनकी कविताओं से जरूर अवगत होंगे। शायद ही कोई अपवाद होगा जो इन सब महाकवि के काव्य-रचनाओं से अवगत न हो।
निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि उनकी कविता बहुत से युवा व नए लिखने वालों को नई दिशा और नया दृष्टिकोण दे सकता है। अगर उनकी बातें और उनकी लेखनी पर अमल किया जाए तो एक बेहतरीन कवि या लेखक बना जा सकता है।
कवि है लेखक(poet or writer) बनने के लिए सबसे पहले भावनाओं को आत्मसात किया जाना सबसे ज्यादा जरूरी होता है, जिसने भावनाओं को आत्मसात कर लिया वही सफ़ल कवि और गीतकार बन सकेगा़।
कवि को शब्दों में न तो ज्यादा कंजूसी ही बरतनी चाहिए और न ही ज़्यादा फूहड़पन क्योंकि रचना में अनावश्यक फैलाव यों तो साहित्य मात्र में अवांछनीय है पर गीत में तो उसका तनिक भी स्थान नहीं है।
कविता केवल बाहर से सुन्दर दिखाई देने वाली विषय वस्तुओं पर निर्भर न रहकर.. दर्शन, अध्यात्म, चिंतन, आन्तरिक विश्लेषण,प्राकृतिक परिवेश,इत्यादि स्थानों में भी इसका बृहद स्वरूप है।
काव्य का संबंध वस्तु जगत से ज़्यादा भाव जगत से होता है।
कविताओं में भाव पर अंकुश....काव्य को संकीर्ण बना देता है। कवि जितना ही भावो के समंदर में गोते लगाता है, शब्द पर पकड़ उतनी ही मजबूत होती है।
ये सारे नियम कोई अधिकारिक तौर पर स्वीकृत नही है, लेकिन मेरे अनुभव जरूर है। कुछ बड़े लेखकों और कवियों को भी मैने पढ़ा और सुना है उन सबकी जानकारियों को एकत्रित कर ही अपना ये अनुभव आपसे साँझा कर रही हूँ, उम्मीद है आप सबके काम भी अवश्य आएंगी।
Do you want to be a #writer_or_poet ? Let's learn.(क्या आप writer या poet बनना चाहते हैं ?आइए सीखते हैं।
#Aparichita हरदम हरवक्त आपके साथ है। #Aparichita कुछ अपने, कुछ पराए, कुछ अंजाने अज़नबी के दिल तक पहुँचने का सफर। #aparichita इसमें लिखे अल्फ़ाज़ अमर रहेंगे, मैं रहूं न रहूं, उम्मीद है, दिल के बिखड़े टुकड़ो को संभालने का सफर जरूर आसान करेगी। #aparichita, इसमें कुछ अपने, कुछ अपनो के जज़बात की कहानी, उम्मीद है आपके भी दिल तक जाएगा।
____Shikha Bhardwaj ✍️